कमालपुर के अभय लाला यादव ने फिल्मी दुनिया में बजाया सफलता का डंका, भोजपुरी सिनेमा में बना ली खास पहचान

अभय का कहना है कि अपनी माटी की खुशबू ही मेरी असली ताकत है। उन्होंने अपने सफल करियर का श्रेय माँ-बाप के आशीर्वाद और निर्देशक अजय कुमार यादव को दिया। उनका संघर्ष आज छोटे कस्बों के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है।
 

चंदौली के छोटे से कस्बे से निकले अभय लाला यादव ने बनाई भोजपुरी इंडस्ट्री में जगह

अब तक 5 भोजपुरी फिल्मों में निभा चुके हैं मुख्य अभिनेता की भूमिका

टी-सीरीज समेत 1200 से ज्यादा एल्बमों में दे चुके हैं अपनी आवाज़

चंदौली जनपद के कमालपुर कस्बे का नाम आज फिल्मी दुनिया में रोशन कर रहे हैं अभय लाला यादव, जिन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत के दम पर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खास पहचान बनाई है। अभय लाला यादव, रामबिलास यादव के 28 वर्षीय पुत्र हैं, और बचपन से ही उनका सपना फिल्में बनाने व अभिनय करने का था।

आपको बता दें कि आज वही अभय लाला यादव ‘पान खाए सैयाँ हमार’, ‘बलमुआ बल्टा वाला’, ‘उड़न बाज चिरई’, ‘ईमान धर्म’ और ‘इलेवन इडिएट’ जैसी पांच भोजपुरी फिल्मों में हीरो की भूमिका निभा चुके हैं। न सिर्फ अभिनय, बल्कि उन्होंने इन फिल्मों में गाने भी खुद गाए और बतौर निर्माता-निर्देशक भी सक्रिय भूमिका निभाई।

इतना ही नहीं, अभय अब तक टी-सीरीज, चंदा कैसेट, बेबी म्यूजिक, सोनू टेक जैसी 1200 से अधिक एल्बमों में भजन और गीत गा चुके हैं, जो उन्हें लोकगायक के रूप में भी स्थापित करता है। प्रेस वार्ता में उन्होंने बताया कि वह हर साल छठ महापर्व पर अपने गांव आते हैं और छठ मइया की भक्ति में डूबकर भक्तिमय कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं।

अभय का कहना है कि अपनी माटी की खुशबू ही मेरी असली ताकत है। उन्होंने अपने सफल करियर का श्रेय माँ-बाप के आशीर्वाद और निर्देशक अजय कुमार यादव को दिया। उनका संघर्ष आज छोटे कस्बों के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुका है।