आयुष्मान भारत : गोल्डन कार्ड बनवाने से हैं कई फायदे, लाभार्थी ऐसे बनवा सकते हैं अपना कार्ड
चंदौली जिले में विकास योजनाओं में आगे रहने का डंका पीटने वाला जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान भारत योजना के तहत बनने वाले गोल्डन कार्ड के लक्ष्य को पूरा कराने में असफल रहा है। अभी तक जनपद में केवल 73 हजार गोल्डन कार्ड बनाने में सफलता मिली है, जबकि जिले के 40 हजार से अधिक लाभार्थियों का अभी भी गोल्डन कार्ड बनाया जाना शेष है। ऐसी स्थिति में इस योजना के लाभार्थी अपना मुफ्त इलाज कराने की सुविधा से वंचित दिख रहे हैं।
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग लगातार लाभार्थियों की छटनी किये जा रहा है। इनमें एक परिवार में से 5 सदस्यों तक का मानक तय किया गया है, जिससे क्षेत्र में काफी लोगों के नाम सूची से बाहर हो जाएंगा। फिर भी अभी जनपद में 40 हजार लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाना बाकी है। तभी केंद्र सरकार से मिलने वाली मुफ्त इलाज की सुविधा उनको मिल पाएगी।
आपको बता दें कि जिले में सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर ना होने की वजह से कई गरीब आज भी प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर काटते रहते हैं और पैसे के अभाव में इलाज कराने के बजाय इधर-उधर भटकते रहते हैं। इसीलिए जिले में अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग स्थानों व अस्पतालों को चिन्हित करके गोल्डन कार्ड बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी इस कार्य में काफी ढिलाई बरती जा रही है।
स्वास्थ्य समिति की होने वाली हर बैठक में गोल्डन कार्ड और उसका लक्ष्य पूरा करने का मुद्दा छाया रहता है, लेकिन अधिकारी बैठक के बाद इस मामले पर ध्यान देना भूल जाते हैं। इतना ही नहीं कुछ इलाकों में लाभार्थियों की सुस्ती भी इस लक्ष्य को पूरा करने में बाधक बन रही है।
चंदौली जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी वीपी द्विवेदी का कहना है आयुष्मान योजना के लिए चिह्नित अस्पतालों में गोल्डन कार्ड बनाने का निर्देश था, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा। इसको लेकर जिलाधिकारी सीएमओ व विभागीय अधिकारियों को कई बार सख्त हिदायत दे चुके हैं। इसके बावजूद कार्ड बनाने में कोई खास प्रगति नहीं हो पा रही। लाभार्थी चाहें तो किसी सीएससी (कामन सर्विस सेंटर) में जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। संचालकों को इसका अधिकार दिया गया है। 'आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का गोल्डन कार्ड बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। जल्द ही छूटे हुए लाभार्थी परिवारों के कार्ड बनवा दिए जाएंगे। योजना की मानिटरिंग की जा रही है।