रेल मंत्रालय ने शुरू की है 'स्टार्टअप्स फॉर रेलवे', जानिए क्या होगा फायदा
भारतीय रेलवे की अपडेट करने की कोशिश
स्टार्टअप्स फॉर रेलवे की पहल शुरू
नवाचार को बढ़ावा देने की कोशिश
देशभर में रेलवे नवाचारों के माध्यम से रेलवे संचालन और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए, नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रेल मंत्रालय ने 13 जून 2022 को 'स्टार्टअप्स फॉर रेलवे' पहल शुरू की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रेलवे नेटवर्क में परिचालन दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए भारतीय स्टार्टअप, एमएसएमई, व्यक्तिगत इनोवेटर्स, आरएंडडी संगठनों, संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और उद्यमियों की विशेषज्ञता का लाभ उठाना है।
इस पहल के हिस्से के रूप में, भारतीय रेलवे इनोवेशन पोर्टल https://innovation.indianrailways.gov.in/ पर भी लाइव हो गया है। जुलाई 2024 तक, भारतीय रेलवे के इनोवेशन पोर्टल पर नवाचारों में लगी कुल 1942 संस्थाओं ने पंजीकरण कराया है। इनमें स्टार्टअप, व्यक्तिगत इनोवेटर्स, एमएसएमई, आरएंडडी संगठन और बहुत कुछ शामिल हैं।
रेल मंत्रालय ने नवाचार नीति के विभिन्न हितधारकों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए सावधानीपूर्वक नियोजित कार्यशालाएं, बैठकें, वार्ताएं, वीसी भी आयोजित की हैं, जिसके परिणामस्वरूप स्टार्टअप व इनोवेटर्स की अच्छी भागीदारी हुई है।
रेल मंत्रालय को अब तक इनोवेशन पोर्टल पर खोले गए 28 समस्या विवरणों के लिए कुल 423 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। अब तक 15 समस्या विवरणों के लिए कुल 23 नवाचार परियोजनाएं प्रदान की गई हैं। 23 पुरस्कृत नवाचार परियोजनाओं का मूल्य लगभग 43.87 करोड़ रुपये है, जिसमें पात्र संस्थाओं को रेलवे के अनुदान का हिस्सा लगभग 10.52 करोड़ रुपये है।
जिन समस्या विवरणों के लिए परियोजनाएं पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं, उनमें भारी ढुलाई वाले माल वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड का डिजाइन, नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वजन वाले वैगन, रेल तनाव निगरानी प्रणाली, सटीक निरीक्षण के लिए ट्रैक निरीक्षण प्रौद्योगिकियां, टूटी हुई रेल प्रणाली, ट्रैक सफाई मशीन, वीपीयू, पावर कार, एसएलआर में ऑडियो विजुअल अलार्म के साथ सेंसर आधारित लोड गणना उपकरण का विकास, सरलीकृत ओएचई कैंटिलीवर डिजाइन, त्वरित बिंदु लॉकिंग क्लैंप, सिस्टम, वायरलेस नेटवर्किंग के साथ भारतीय रेलवे के कोचों के लिए सेंसर आधारित आग-धुआं पहचान प्रणाली का विकास, भारतीय रेलवे पर बुक किए गए माल की सुरक्षा के लिए ई-सील प्रणाली, अनुचित दृश्यता और संचार की हानि के कारण शंटिंग के दौरान असुरक्षित स्थितियों से बचने के लिए तकनीकी समाधान का विकास, लोको पायलट और गार्ड को चेतावनी देना, एलवीपीएच कोचों की छत पर फ्लेक्सी सौर पीवी पैनलों के साथ सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली का प्रावधान, वायरलेस नेटवर्किंग के साथ भारतीय रेलवे के कोचों के लिए सेंसर आधारित आग-धुआं पहचान प्रणाली का विकास (चरण-II)।
उपरोक्त समस्या विवरणों में नवाचारों से न केवल रेलवे परिचालन में सुधार होगा, बल्कि सुरक्षा और सुविधाएं भी बढ़ेंगी।