जरूरी जानकारी : ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए नयी गाइडलाइन्स, नहीं तो रद्द हो जाएगा फॉर्म

 

उत्तर प्रदेश और बिहार का बॉर्डर होने के कारण चंदौली जिले में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए बड़ी संख्या में गैर जनपद और गैर प्रदेशों के आवेदन आते हैं, लेकिन अब परिवहन विभाग इन आवेदनों को निरस्त करने का कार्य कर रहा है। परिवहन निदेशालय की नई गाइडलाइन के अनुसार यह कार्यवाही की जा रही है।

 आपको बता दें कि परिवहन विभाग के निदेशालय से आई नई गाइडलाइन के अनुसार यह निर्देश दिया गया है कि किसी भी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस उसी जिले में बनेगा जहां का उसका आधार कार्ड बना होगा। जिले में हर माह ऐसे कई दर्जन आवेदन आते हैं, जो दूसरे प्रदेश या दूसरे जिलों के होते हैं। इससे उन्हें रद्द कर दिया जा रहा है।

परिवहन विभाग अपनी इस योजना और निर्देश का प्रचार-प्रसार नहीं कर पाया है। इसी कारण की वजह से यह स्थिति आ रही है। कहा जा रहा है कि इन इलाकों में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का काम होता है और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में तमाम तरह की धोखाधड़ी भी होती है। ऐसे में कई बार आवेदकों को परेशानी उठानी पड़ती है और बेवजह चक्कर काटने पड़ते हैं।

लाइसेंस के लिए अन दस्तावेजों की जरूरत

प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इन दस्तावेजों की जरूरत होती है। बिना इसके किसी का लाइसेंस नहीं बन पाएगा... 
1. आयु प्रमाण पत्र अथवा 10वीं की मार्कशीट
2. आधार कार्ड की फोटो कापी
3. पैन कार्ड या सीजीएचएस कार्ड (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्ड) 

निर्धारित आवेदन के साथ सभी प्रमाण पत्रों की छायाप्रति अपलोड करनी होती है। इसके लिए आवेदन को निर्धारित फीस भी जमा करनी होगी। परिवहन विभाग की ओर से परीक्षा लेने के बाद तय समय सीमा के अंदर लर्निंग ड्राइविग लाइसेंस बनाकर आवेदक को उपलब्ध करा दिया जाएगा। 

चंदौली जिले के एआरटीओ डाक्टर दिलीप गुप्ता का कहना है कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार आधार कार्ड जहां का होगा, उसी जिले में चालकों का ड्राइविग लाइसेंस बनेगा। गैरजनपदवासी भी आवेदन कर देते हैं। उनके आवेदन निरस्त करने होंगे।