कोरोना महामारी में बढ़ने लगी बेरोजगारी, कम हो गई कलाकारी
कोरोना का असर हर व्यवसाय पर पड़ रहा है। कामकाज न मिलने के कारण लोगों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न होने लगा है। महामारी में कलाकारी कम हो गई है और बेरोजगारी बढ़ने लगी है।
इस बार भी दुर्गापूजा पर कोरोना का साया मंडरा रहा है। यही वजह है कि दुर्गा प्रतिमाओं का आर्डर कम हो गया। कारण यह है कि पूजा होगी या नहीं, इसे लेकर लोग उहापोह में हैं।
कभी दो सौ प्रतिमाओं को आर्डर मिलता था लेकिन, अब तीन चार ही मिल रहा है। पहले प्रतिमाओं का कद भी बढ़ा रहता था, पर अब छोटी प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं। वहीं नगर में अभी कहीं भी पंडाल का निर्माण शुरू नहीं हुआ है जबकि दो महीने पहले ही पूजा की तैयारी होने लगती थी। शारदीय नवरात्र पर नगर में सप्तमी, अष्टमी व नवमी को मां दुर्गा के पूजा की धूम रहती थी। विभिन्न स्थानों पर बड़े बड़े पंडाल बनाकर उनमें मां दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित की जाती थी।
तीन दिवसीय मेले में लोगों की भारी भीड़ दर्शन पूजन को उमड़ती थी। इसके अलावा पंडालों के आसपास मेला भी लगता था। कई स्थानों पर झूले आदि भी लगाए जाते थे। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण दुर्गापूजा की रंगत फीकी हो गई है। पिछली बार सादगीपूर्ण ढंग से पूजनोत्सव मनाया गया लेकिन इस बार अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। इससे पूजा कमेटियां भी निर्णय नहीं ले पा रही है। पूजा समितियों की बैठक के बाद निर्णय लिया जाएगा।
पीडीडीयू नगर के चंधासी, रविनगर, पटेल नगर, लाट नंबर एक, परमार कटरा, गल्लामंडी, राममंदिर, इंडियन इंस्टीच्यूट सहित रेलवे की विभिन्न कालोनियों में पंडाल बनते थे लेकिन, इस बार इन स्थानों पर सियापा छाया हुआ है।
इस संबंध में कारीगरों का कहना है कि कोरोना काल में पूरा धंधा चौपट हो गया है। इक्का दुक्का छोटी मूर्तियां बनाने का आर्डर ही मिल रहा है। शिल्पकार मजदूर अब दिहाड़ी मजदूरी करने को विवश हैं। दुर्गापूजा को लेकर लोग उहापोह में है। यही कारण है कि पूजा समितियां प्रतिमाओं का आर्डर देने में हिचकिचा रही हैं। जबकि पहले दो माह पूर्व ही आर्डर मिलने लगता था। मूर्तिकार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। दो वर्ष से कोरोना महामारी ने कमर तोड़ी दी है। कारीगरों को बच्चों का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है। मूर्ति बनाने का आर्डर देने एक दो लोग आए थे लेकिन, पूजा होगी कि नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में आर्डर नहीं लिया गया।