नौकरी और रोजगार गंवाकर घर लौटे प्रवासियों को मिलेगा एक हजार
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चंदौली जिले में महानगरों से नौकरी और रोजगार गंवाकर घर लौटे प्रवासियों को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। जिला प्रशासन ने अभी तक 6300 से अधिक प्रवासियों को चिह्नित किया है। इसके खातों में राशि भेजी जाएगी। इसकी तैयारी भी तेज हो गयी है।
महानगरों से पलायन कर लाखों कामगार गांवों में अपने घर तो पहुंच गए लेकिन रोजगार के अभाव में रोजी-रोटी चलाना कठिन हो रहा है। प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक जिले में भी 10 हजार से अधिक प्रवासी आ चुके हैं। कुछ कामगारों को मनरेगा के जरिए गांवों में काम मिल गया है। लेकिन शहरों में निजी कंपनियों के दफ्तरों में काम करने वाले काफी संख्या में प्रवासी मनरेगा में मिट्टी फेंकने का काम करने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में उनके समक्ष जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है।
हालांकि सरकार ने कामगारों को स्थानीय स्तर पर ही उनकी दक्षता के अनुरूप रोजगार दिलाने की योजना बनाई है। लेकिन इसमें अभी समय लगेगा। ऐसे में त्वरित सहायता के तौर पर इनके खाते में एक हजार रुपये सरकार भेजेगी।
शासन के फरमान के बाद जिला प्रशासन प्रवासियों की सूची तैयार करने में जुट गया है। कर्मचारी तहसीलवार प्रवासियों का डाटा इकट्ठा कर रहे हैं। नाम, पता के साथ आधार व बैंक खाता संख्या भी नोट किया जा रहा है। जिले में लौटे प्रवासियों को एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके बैंक खाता, आधार सहित अन्य प्रमाण जमा कराए जा रहे है।
जिले के अपर जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अभी तक 6378 प्रवासियों को चिन्हित किया गया है। शासन से निर्देश मिलने के बाद उनके खाते में धनराशि भेज दिया जाएगा।