समाज कल्याण विभाग की नयी पहल, वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों को मिलेगा भरण पोषण
 

विभाग के अनुसार, आश्रित की ओर से दिए जाने वाले भरण पोषण के खर्चे पर बुजुर्ग वृद्धाश्रम में न रह कर, अन्यत्र भी रह सकते हैं। भरण-पोषण के लिए धन के अलावा खाद्यान्न, वस्त्र आदि भी लिए जा सकेंगे।
 

सरकार ने बनाई यह योजना

बुजुर्गों का मिलेगा मान-सम्मान

वृद्धजन के लिए राहत भरी खबर

चंदौली जिले में वृद्धजन के लिए यह खबर राहतभरी है। आश्रितों की ओर से भी उन्हें अब भरण-पोषण मिलेगा। शासन की कार्ययोजना के तहत समाज कल्याण विभाग जनपद के वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों का ब्यौरा जुटाएगा। व्यौरा पूरा होने के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। आश्रितों की ओर से त्यागे गए बुजुर्गों को सम्मान दिलाने के लिए यह पहल शासन ने की है।


दरअसल, जिला मुख्यालय स्थित वृद्धाश्रम में 217 बुजुर्ग जीवन यापन कर रहे हैं। शासन की कार्ययोजना के तहत उनके आश्रितों का नाम और पता स्पष्ट रूप से संकलित किया जाएगा। ब्यौरा तैयार होने के बाद उनको भरण पोषण दिलाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। अभी तक वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों का भरण-पोषण सरकारी खर्चे पर होता है। इस व्यवस्था के बाद बुजुर्गों के जीवन में बदलाव आएगा।


विभाग के अनुसार, आश्रित की ओर से दिए जाने वाले भरण पोषण के खर्चे पर बुजुर्ग वृद्धाश्रम में न रह कर, अन्यत्र भी रह सकते हैं। भरण-पोषण के लिए धन के अलावा खाद्यान्न, वस्त्र आदि भी लिए जा सकेंगे। वहीं निराश्रित बुजुर्गों की देखभाल सरकारी खर्चे पर वृद्धाश्रम में ही होगी।

ब्यौरा पूरा होने के बाद कार्रवाई शुरू करने के लिए आश्रितों को नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस का जवाब नहीं मिलने और आश्रितों की ओर से भरण-पोषण नहीं देने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई  जाएगी।

इस संबंध में जिला समाज कल्याण अधिकारी नागेंद्र मौर्य का कहना है कि बुजुर्गों को सम्मान देने और उनको भरण पोषण दिलाने के लिए तहसील स्तर पर सुलह अधिकारी बनाए जाएंगे। वृद्धाश्रमों में रह रहे बुजुर्ग अभिभावकों को भरण पोषण दिलाने को सुलह अधिकारी 6 वृद्धाश्रम में रह रहे बुजुर्गों के सम्मान के प्रति विभाग संजीदा है। आश्रितों की पूरी जानकारी उनसे संकलित कराई जाएगी, जो निराश्रित है उनका अलग से ब्यौरा तैयार होगा।