बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दी गई विटामिन-ए और आयरन की खुराक  

 

चंदौली जिले में शिशु संरक्षण की विशेष देखभाल हेतु बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें विटामिन-ए और आयरन सीरप की खुराक दी जा रही है । इसी को देखते हुए जिले में 16 से 21 अगस्त तक गृह भ्रमण कर आँगनवाडी कार्यकर्ता लोगों को साफ़-सफाई, आयरन सीरप, पोषण रेसिपी और विटामिन-ए से क्या फायदे हैं के बारे में जागरुक कर रही हैं।  

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी राम प्रकाश मौर्या ने बताया कि जिले की कुल 1823 आँगनवाडी कार्यकर्ता  द्वारा गृह भ्रमण कर  शिशु संरक्षण को लेकर जिले में चलाये जाने वाले अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग तैयारी की है। जिसके तहत एक हजार दिन शिशु के लिए बहुत ही  महत्वपूर्ण होता है, प्रचार–प्रसार द्वारा माताओं व परिवार के सदस्यों को जागरूक किया जा रहा है। किसी भी बीमारी से बचाव करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता आवश्यक होती है। विशेषकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार के साथ ही उन्हें विटामिन-ए और आयरन की खुराक भी दी जाती है।


यह खुराक नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को छह माह में एक बार दी जाती है। विटामिन-ए की खुराक से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही कुपोषण में भी कमी आती है। बच्चों की सेहत को प्राथमिकता देते हुए हर छह महीने में शिशु संरक्षण माह का आयोजन किया जाता है।

इस दौरान जिले में नौ माह से पांच वर्ष तक के  बच्चों को विटामिन-ए की खुराक दी गयी।  तथा छह माह से पांच वर्ष तक के बच्चों को आयरन सीरप की खुराक पिलाई गई। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही के बाद आयरन एवं फोलिक एसिड का वितरण किया गया। बच्चों का वजन किया गया तथा नियमित टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया गया।


विटामिन-ए की कमी से बच्चे बीमार पड़ सकते हैं। बच्चों की आंखें कमजोर हो सकती हैं। टीकाकरण की सेवाओं के साथ-साथ विटामिन-ए की खुराक भी दी जा रही है। 


ब्लॉक चकिया की आँगनवाडी कार्यकर्ता शाशिबाला ने बताया कि  गृह-भ्रमण के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जागरूक कर रही हूँ| गृह भ्रमण के दौरान कोरोना से बचाव के लिए जागरूक के साथ  साफ–सफाई के लिए  भी प्रेरित कर रही हूँ।  भोजन में पोषक तत्वों के अभाव या संतुलित आहार की कमी से बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता है।  साथ ही खनिज और कैलोरी की कमी से बच्चे के महत्वपूर्ण अंगों का विकास प्रभावित होता है। इसके अलावा बच्चे और कई बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं। टीकाकरण के साथ ही बच्चे को विटामिन-ए की खुराक देने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, मानसिक विकास होता है तथा बच्चे स्वस्थ्य रहते हैं।

ब्लॉक चकिया  ( हुस्न दो वर्ष )की माता जिना ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर आई थी। मेरी बच्चि को उन्होनें देखी विटामिन ए और आयरन की खुराक पिलाई है। पोषण आहार भी दी, एक किलो चाने  की दाल और रिफाइंड दी। और घर में मौजुद पोषण आहार की जानकारी दी।