कोई मंत्री जी से पूछे क्यों चंदौली से शिवपुर में चला गया डॉ. बीआर शेट्टी का मल्टी स्पेशियालिटी अस्पताल..!
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कहा जा रहा है कि दुबई के बड़े उद्यमी और देश के चर्चित डॉ. बीआर शेट्टी ने बनारस में एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल बनाने का फैसला किया है पहले यह अस्पताल चंदौली जिले में बनने वाला था। पर जमीन को लेकर हुई खींचतान व स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता के कारण अब यह अस्पताल बनार के शिवपुर में बनेगा। हालांकि इस अस्पताल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिलान्यास किया था और महेन्द्र नाथ पांडेय ने चंदौली को चिकित्सा का हब बनाने में इस अस्पताल की खूबियों को अपने भाषण में खूब गिनाया था। पर अब यह अस्पताल चंदौली में नहीं बनेगा।
डा.शेट्टी ने बताया है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है। अबू धाबी में पीएम मोदी से भेंट हुई थी। उन्होंने बनारस के लिए कुछ करने को कहा था। इसके बाद ही इतना बड़ा अस्पताल बनाने का निर्णय लिया।डा.बीआर शेट्टी के दर्जनभर देशों में 150 से अधिक अस्पताल हैं। डा. शेट्टी काफी समय से बनारस में जमीन खोज रहे थे, लेकिन मिल नहीं पायी थी। कबीर मठ के लोग जमीन देने को तैयार हो गये है। पांच फरवरी 2020 में अस्पताल का निर्माण शुरू हो जायेगा और वर्ष 2022 की मकर संक्रांति से लेकर 12 फरवरी के बीच अस्पताल काम करना शुरू कर देगा। जिला प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद तेजी से काम किया जायेगा।
डॉ. बीआर शेट्टी ने कहा कि अस्पताल के निर्माण पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। सुपर स्पेशियालिटी सुविधाओं से युक्त इस अस्पताल में ट्रामा के अलावा कैंसर सहित लगभग सभी तरह की बामारियों का इलाज होगा। यहां पर एयर एम्बुलेंस की भी सुविधा होगी। हेलीपैड भी बनेगा।
डा. शेट्टी ने कहा कि नया अस्पताल में प्रथम चरण में पांच सौ बेड से शुरुआत की जायेगी। डॉ. बीआर शेट्टी ने कहा कि सिद्धपीठ कबीरचौरामठ मूलगादी ट्रस्ट के महंत आचार्य विवेकदास की सहमति से शिवपुर के कादीपुर में मठ की पांच एकड़ जमीन है। इस जमीन पर भूमाफियाओं की नजर थी, वह खुद चाहते थे कि कबीर के नाम पर यहां अस्पताल बने। इसलिए अब नया काम शुरू होने जा रहा है।
डॉ. बीआर शेट्टी ने कहा कि वह इस अस्पताल को कमाने के लिएनहीं बल्कि सेवा के लिए खोल रहे हैं। कर्नाटक में उन्होने 250 करोड़ की लागत से बनाए गए अस्पताल को वहां की सरकार को सौंप दिया ताकि गरीबों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा मिल सके। यही उद्देश्य लेकर वह दुनिया के सबसे पुराने शहर काशी आये हैं। यहां भी मानवता को जिंदा रखना ही उनका मुख्य उद्देश्य है। इस अस्पताल में पर्स नहीं बल्कि पल्स देखकर मरीज का इलाज होगा। यानि गरीब मरीजों को भी अमीरों जैसी ही सुविधाएं मिलेंगी।
कभी दुबई में घर-घर जाकर दवा बेचने वाले डॉ. शेट्टी अब भारत में 35 हजार करोड़ लगाने की तैयारी में हैं। भारत से दुबई सिर्फ नौकरी करने गए बीआर शेट्टी की गिनती आज दुबई के टॉप अमीरों में होती है। डा. शेट्टी गर्व से बताते हैं कि शुरु आती जनसंघ और फिर इससे निकली भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं।
अपनी समाजसेवी छवि के चलते उन्हें दुबई मुस्लिम राष्ट्र में सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि यहां के अतिरिक्त दिल्ली, हरिद्वार और बिहार में हॉस्पिटल बनाने के लिए प्रयास चल रहा है। कर्नाटक में 70 बेड वाले अस्पताल को 200 बेड वाले फुली एयर-कंडीशनर मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल में बदल दिया है। यहां ट्रीटमेंट पूरी तरह फ्री है। हॉस्पिटल में कोई कैशियर नहीं है।
डा. शेट्टी कर्नाटक के उडुपी में 1942 में पैदा हुए और वहीं उनकी शुरु आती पढ़ाई हुई। अपनी जेब में कुछ पैसे लेकर वो 1973 में अपनी किस्मत आजमाने दुबई पहुंचे। आज अपना साम्राज्य चला रहे हैं। पिछले 46 सालों में इनकी कंपनी ने 200 हेल्थकेयर फैसिलिटीज तक अपना फैलाव किया है। इसमें 17 देशों में हॉस्पिटल, मेडिकल सेंटर्स, लांग टर्म केयर फैसिलिटीज, डे सर्जरी सेंटर्स, र्फटििलटी क्लीनिक्स और होम हेल्थ सर्विस शामिल हैं। 1980 में बनाई यूएई एक्सचेंज- शेट्टी को महसूस हुआ कि भारतीयों को अपने परिवार वालों को पैसे भेजने में दिक्कत होती है। उन्होंने 1980 में यूएई एक्सचेंज की स्थापना की।