मीठा और सफेद ब्रेड खाने वाली महिलाएं हो जाएं सावधान, ऐसा है खतरा

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show एक रिसर्च में पता चला है कि मीठा और सफेद ब्रेड खाने वाली बुजुर्ग महिलाओं में अनिद्रा की समस्या बढ़सकती है। इसके लिए बाकायदा 60 साल की उम्र की 50,000 महिलाओं के आहार का अध्ययन करने के बाद खुलासा हुआ है कि ज्यादा संसाधित अनाज और चीनी खाने से नींद में कमी आती है और
 

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एक रिसर्च में पता चला है कि मीठा और सफेद ब्रेड खाने वाली बुजुर्ग महिलाओं में अनिद्रा की समस्या बढ़सकती है। इसके लिए बाकायदा 60 साल की उम्र की 50,000 महिलाओं के आहार का अध्ययन करने के बाद खुलासा हुआ है कि ज्यादा संसाधित अनाज और चीनी खाने से नींद में कमी आती है और लोग अनिद्रा का शिकार हो सकते हैं।

हार्मोन के उत्पादन से होती है परेशानी

न्यूयॉर्क के वैज्ञानिकों के अनुसार ज्यादा चीनी खाने से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर इतना बदलता है कि शरीर एक ऐसा हार्मोन बनाने लगता है जो ज्यादा देर तक जगाए रखने का कारण बनता है। वैज्ञानिकों के अनुसार नींद की कमी से लोग को और ज्यादा खाने की इच्छा होती है क्योंकि उन्हें भूख लगती है। शोध में पाया गया कि ज्यादा मीठा और संसाधित आहार लेने से 16 फीसदी महिलाओं में अनिद्रा का खतरा देखने को मिला।

कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक और शोधकर्ता डॉक्टर जेम्स गैंगविस्ट ने कहा, हमारे शोध से पता चलता है कि जो लोग अनिद्रा के शिकार होते हैं उनका आहार इसके लिए दोषी होता है। वजन को बढ़ने से रोकने के अलावा अनिद्रा से बचने के लिए भी लोगों को मीठा और संसाधित अनाज आहार में लेने से बचना चाहिए।

हालांकि, इस शोध से यह पता नहीं चलता कि मीठा और संसाधित कार्बोहाइड्रेट, जैसे सफेद ब्रेड, केक, पेस्ट्री और पास्ता खाने से किसी की नींद में कैसी खलल पड़ता है। लेकिन, डॉक्टर गैंगविस्ट ने कहा कि हार्मोन में होने वाले बदलाव इसका कारण हो सकते हैं। जब रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है तब आपका शरीर प्रतिक्रिया करता है और इंसुलिन रिलीज करता है। इससे रक्त शर्करा का स्तर कम होता है और एडरेनालिन और कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्राव होता है। इस हार्मोन से नींद में बाधा आ सकती है।

कम ग्लाइसाइमिक इंडेक्स वाले पदार्थों का करें सेवन

इस शोध में शामिल महिलाएं रजोनिवृत्ति पार कर चुकी हैं और उनके आहार में मौजूद ग्लाइसाइमिक इंडेक्स को शोधकर्ताओं द्वारा मापा गया। इस इंडेक्स से आहार द्वारा किसी के रक्त शर्करा पर पड़े प्रभावों को मापा जाता है। वसा और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का ग्लाइसाइमिक इंडेक्स कार्बोहाइड्रेट और चीनी की तुलना में कम होता है। कार्बोहाइड्रेट और चीनी रक्त शर्करा के स्तर को तुंरत बढ़ा देती है।

फीसदी ज्यादा थी अनिद्रा की समस्या ज्यादा ग्लाइसामिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करने वालों में अहम कारक है ग्लाइसाइमिक इंडेक्स शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं के आहार में सबसे ज्यादा ग्लाइसाइमिक इंडेक्स था उनमें अनिद्रा की समस्या अन्य महिलाओं की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा थी। उनमें शोध के तीन सालों के दौरान अनिद्रा से पीड़ित होने का खतरा भी 16 फीसदी ज्यादा था। जिन महिलाओं के आहार में ज्यादा सब्जियां, फाइबर और संपूर्ण फल मौजूद थे, उनमें अनिद्रा की समस्या होने का खतरा काफी कम देखा गया। संपूर्ण फलों में भी शर्करा होती है, लेकिन उनमें मौजूद फाइबर रक्त शर्करा के स्तर में होने वाली बढ़ोतरी को भी कम कर देती है। इससे इन खाद्य पदार्थों का ग्लाइसाइमिक इंडेक्स कम हो जाता है।