जनकपुर और खरौझा माइनर की बदहाल स्थिति पर किसान विकास मंच का ऐलान

राम अवध सिंह ने चेतावनी दी कि अगर चार दिनों में मरम्मत और सफाई का कार्य शुरू नहीं हुआ, तो किसान बड़े आंदोलन और धरना-प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।
 

शहाबगंज ब्लॉक के पहाड़ी क्षेत्र का दौरा

जनकपुर माइनर में घास-फूस और जंगली पेड़

माइनर की टूटी संरचना से ग्रामीण परेशान

खरौझा माइनर की स्थिति भी चिंताजनक

किसान विकास मंच का आंदोलन की तैयारी का एलान

चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक के पहाड़ी क्षेत्र में किसानों की जीवनरेखा कही जाने वाली जनकपुर और खरौझा माइनर की बदहाल स्थिति को लेकर किसान विकास मंच ने सिंचाई विभाग पर कड़ी नाराजगी जताई है। संगठन मंत्री राम अवध सिंह और प्रचारक सुरेश मौर्य के नेतृत्व में मंच के पदाधिकारियों ने मंगलवार को इन दोनों माइनरों का निरीक्षण किया।


माइनरों में घास, झाड़ियां और टूटी संरचना

जनकपुर माइनर के टेल के गांवों नसोपुर, अर्जी खुर्द, अर्जी कृष्णार्पण, ईसापुर और घुरहूपुर तक दौरा किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि माइनर पूरी तरह घास-फूस और जंगली पेड़ों से भरी हुई है, जिससे पानी की निकासी बाधित हो रही है। वहीं, जनकपुर माइनर रोड अर्जी खुर्द के सामने दो लट्ठे में टूट चुकी है, जबकि खरौझा माइनर अर्जी खुर्द में एक लट्ठे में टूटी हुई है। इससे किसानों और ग्रामीणों को आने-जाने में भारी दिक्कतें हो रही हैं।


सिंचाई विभाग की लापरवाही पर नाराजगी

किसान विकास मंच ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग ने केवल हेड के पास जेसीबी से सफाई कर झूठा प्रचार किया, जबकि माइनर की अधिकतर हिस्से अभी भी जंगली पेड़ और गाद से भरे हुए हैं।
टेल के गांवों में सिंचाई संकट

मंच ने चेताया कि धान की रोपाई और गेहूं की सिंचाई के समय किसानों को पहले ही पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। अब माइनरों की टूटी संरचना से यह संकट और बढ़ गया है।


चार दिन में कार्य शुरू करने का अल्टीमेटम

राम अवध सिंह ने चेतावनी दी कि अगर चार दिनों में मरम्मत और सफाई का कार्य शुरू नहीं हुआ, तो किसान बड़े आंदोलन और धरना-प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।
किसानों की एकजुटता

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संगठन मंत्री राम अवध सिंह, सुरेश मौर्य, प्रेम नारायण यादव, प्रियानंद पांडेय, दिनेश यादव, अवधेश यादव सम्मिलित थे। जिन्होंने कहा कि अब किसानों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं होगी। जल्द ही जनकपुर से लेकर खरौझा तक पदयात्रा निकाली जाएगी और किसानों की मांगों को मजबूती से प्रशासन के सामने रखा जाएगा।