कागज पर 11 मार्च से चल रही है जनकपुर माइनर, गांव में जाकर देखिए हकीकत
 

लतीफशाह बांध से निकली जनकपुर माइनर से बरहुआ, शाहपुर, उसरी, सैदूपुर, बसाढी, सुल्तानपुर, गलिमापुर, रामशाला, अर्जी, इशापुर, घुरहूपुर के 22 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी आपूर्ति की जाती है।
 

नहर में सिंचाई का पानी नदारत

मुरझा रही है गेहूं की फसल

इलाके के किसान हैं परेशान

चंदौली जिले में सिंचाई विभाग की लापरवाही से जनकपुर माइनर से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। जबकि विभागीय अभिलेख में माइनर 11 मार्च से ही चल रही है। ऐसी स्थिति में किसानों के खेतों में गेहूं की फसल मुरझाने लगी है, वहीं सिंचाई विभाग माइनर से पानी आपूर्ति किए जाने की बात कह कर पल्ला झाड रहा है।

  लतीफशाह बांध से निकली जनकपुर माइनर से बरहुआ, शाहपुर, उसरी, सैदूपुर, बसाढी, सुल्तानपुर, गलिमापुर, रामशाला, अर्जी, इशापुर, घुरहूपुर के 22 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी आपूर्ति की जाती है। किसानों की लाइफ लाइन कहे जाने वाली माइनर का हाल काफी बदहाल हो चुका है, कभी माइनर में लीकेज तो कभी गेट खराब होने की समस्या लगातार बनी हुई है। जिसके कारण धान की फसल के दौरान भी माइनर से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। इन दिनों गेहूं की फसल को पाने की आवश्यकता है, जिसके लिए माइनर को खोलने की मांग उठी।

विभागीय उच्चाधिकारी 11 मार्च से माइनर को खोले जाने की बात कह रहे हैं, मगर सच्चाई है कि उद्गम स्थल लतीफशाह बांध से माइनर में पानी आपूर्ति करने वाले लगे गेट की वेल्डिंग टूट गई है जिससे गेट को उठाया जाना नामुमकिन हो गया है। स्थिति यह है कि माइनर में पानी छोड़ना मुश्किल हो गया है, जबकि विभाग कागज पर 11 मार्च से ही माइनर को चलने की बात कर रहा है।

 किसान विकास मंच के नेता रामअवध सिंह ने गेट के तत्काल मरम्मत कराए जाने का मांग किया है, ताकि किसानों के खेतों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित किया जा सके। ऐसा न होने पर उन्होंने सिंचाई विभाग के चकिया कार्यालय का घेराव किया जाने का भी ऐलान किया है।