काम छोड़ चुकी महिला फंसाने के लिए थाने में दी तहरीर, पीड़ित ने कप्तान से लगायी गुहार
पैथोलॉजी सेंटर के संचालक की गुहार
महिला ने फंसाने के लिए थाने में दी है तहरीर
जाति के नाम फंसाने की दे रही है धमकी
चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र स्थित निजी पैथोलॉजी सेंटर के संचालक ने पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगायी है और पूर्व में काम कर चुकी एक महिला कर्मचारी द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाकर जाति विशेष का होने का लाभ उठाने की कोशिश करने का मामला संज्ञान में लाया गया है। इस पर पुलिस अधीक्षक द्वारा मामले की जांच कर विधिक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया।
बता दें कि अलीनगर थाना क्षेत्र के नई बस्ती निवासी अजय तिवारी पुत्र श्री विवेकानंद तिवारी ने प्रार्थना पत्र देकर एसपी से गुहार लगाई है कि मेरे यहां 2007 से निजी पैथोलॉजी सेंटर का संचालन किया जा रहा था। मेरे पैथोलॉजी सेंटर पर नीरज पासवान व उनकी पत्नी रश्मि माझी को सितंबर 2020 से लैब स्टाफ के रूप में रखा था। विगत कुछ दिनों से उक्त लोगों द्वारा अपना निजी पैथोलॉजी सेंटर खोले जाने के कारण उन्हें 6 अक्टूबर 2020 को सारा हिसाब करके अपने यहाँ से कार्य मुक्त कर दिया था, लेकिन विपक्षी द्वारा जाते समय धमकी देते हुए कहा गया था कि फर्जी मुकदमे में फंसा कर आपका सेंटर बंद करा देंगे। अब उनके द्वारा इसी बात को लेकर अलीनगर थाने पर तहरीर दी गई है।
वहीं महिला व उसके पति द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि उनका मानदेय बाकी है तथा छेड़खानी व गाली गलौज करने का मनगढ़ंत आरोप लगाकर उनको बेवजह फंसाने का कार्य किया जा रहा है। इसी बात को लेकर प्रार्थी बहुत परेशान है।
संबंध में अजय तिवारी द्वारा बताया गया कि मेरे पैथोलॉजी सेंटर में दोनों पति पत्नी को 8,000 व 12,000 के मानदेय पर रखा गया था, जिनका मानदेय प्रतिमाह दिया जाता था। लेकिन इनके द्वारा अलग से पैथोलॉजी सेंटर खोले जाने के बाद में जब हटाया गया तो यह मनगढ़ंत आरोप लगाते हुए मेरे सेंटर के उपस्थिति रजिस्टर व मानदेय रजिस्टर लेकर महिला फरार हो गई। जिसका 7 सीसी कैमरे के फुटेज में आज भी मौजूद है। इन दोनों लोगों द्वारा झूठा आरोप लगाकर हमें फंसाने की साजिश की जा रही है। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगायी गयी है।
अब इस मामले में एसपी ने संबंधित थाने को मामले में जांच करके कार्रवाई करने के लिए कहा है। देखना है कि इस मामले में क्या खुलासा होता है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ पुलिस विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है।