अनुदेशक संघ की बैठक में समस्याओं पर चर्चा, 10 वर्षों से अनुदेशकों की हो रही उपेक्षा
बीआरसी परिसर में अनुदेशक संघ की मीटिंग
नई शिक्षा नीति में अनुदेशक का बड़ा रोल
सरकार कर रही है अनुदेशकों की उपेक्षा
चंदौली जिले के अनुदेशक संघ की एक आवश्यक बैठक सदर बीआरसी परिसर में मण्डल अध्यक्ष विकास यादव की उपस्थिति में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अभिनव सिंह एवं संचालन वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविन्द्र शंकर सिंह ने किया।
बैठक को संबोधित करते हुए मण्डल अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि सरकार अनुदेशकों के प्रति सौतेला व्यवहार कर रही है, जबकि अनुशा की नियुक्ति आरटीई एक्ट 2009 में वर्णित मानकों के अनुसार अपने विषय को पढ़ाने के लिए दस है और निरंतर दस वर्षों से उच्च प्राथमिक विद्यालयों मे खेलकूद गतिविधि एवं पठन-पाठन को सकुशल सम्पन्न कर रहा है। फिर भी सरकार विगत 10 वर्षों से अनुदेशकों की उपेक्षा कर रही है।
जिलाध्यक्ष अभिनय सिंह ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति लागू करने जा रही है, जिसमें परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को मध्य पाठ्यक्रम के माध्यम से कौशल विकास एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता पर जोर दिया गया है और प्रदेश का अनुदेशक भी विषय विशेषज्ञ है, जो 2 से 3 तक पूर्णकालिक रूप से कार्य करता है। जीविकोपार्जन के लिए सरकार एक दो हजार दे रही है। जिसमें अनुदेशक अपने परिवार और बालू-बच्चों का भरण पोषण नहीं कर पा रहा है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मानसिक रूप से आप हर अनुदेशक परेशान हैं।
अनुदेशकों ने मांग किया कि नई शिक्षा निति मे सरकार अनुरोधों का भविष्य सुरक्षित व सुनिश्चित नहीं करती है तो प्रदेश का हर अनुदेशक सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगा।
साथ ही बैठक में प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ला के आहवाहन पर अपने अधिकारों को पाने के लिए आगे की रणनिति पर चर्चा की गयी।
बैठक में वरिष्ठ सलाहकार बलवन्त सिंघानिया, उपाध्यक्ष हमीदा कासीम, प्रसार मंत्री कुलकर्णी देवा, उमेश यादव, नसीर, मनीष मिश्रा अब्दुल भषिद, अपीट, पुराभा जमीर अहमद, नेहा त्रिपाठी, प्रतिमा, धीरण आदी अनुदेशक व अनुदेशिका मौजूद रहे।