न चुप रहें न ही घबरायें, कुष्ठरोग का इलाज करायें, घर-घर चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
न चुप रहें न ही घबरायें
कुष्ठरोग का इलाज करायें
घर-घर चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
बताया जा रहा है कि कुष्ठ रोग होने पर घबरायें नहीं उपचार करायें। यह अभियान 13 फरवरी तक चलेगा। यह जानकारी जिला कुष्ठ रोग नोडल अधिकारी डॉ. के एन. सिंह ने दी।
डॉ. के. एन. सिंह ने बताया कि 23 जनवरी 2022 से चल रहे इस अभियान में अब तक 5 नये कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं। उन्होने कहा की कुष्ठ रोग स्पर्श करने से नहीं फैलता है यह संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रपत्र संदेश अभियान द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
ब्लॉक नियामताबाद के रहने वाले 55 वर्षीय उपचाराधीन–दिनेश(काल्पनिक नाम)सियाराम, बताते है कि मेरे शरीर में उभरे हुए तांबे रंग के चकत्ते के साथ सुन्नपन था। 2 फरवरी 2022 को घर में आये स्वास्थ्य विभाग के लोगो द्वारा मेरी नि:शुल्क जांच और इलाज शुरू किया गया। ब्लॉक चकिया जितेंद्र(काल्पनिक नाम) 61 वर्ष ने बताया की कई महीनों से मेरी शरीर पर तांबे रंग के साथ उस पर चकत्ता होने लगा। मैं डर गया था सभी लोगो हमेशा दूर न हो जाए,जागरूक अभियान में जानकारी दी गई, यह छुआ छूत से नहीं होता,इलाज से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है । 5 फरवरी 2022 को मेरी जांच हुई,स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेरा इलाज शुरू किया गया।
जिला कुष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारी डॉ तपेश्वर राम ने कहा की चुप न रहें,घबराये नहीं,कुष्ठरोग एक बीमारी है,इलाज कराएं। बहुत से लोग इस बीमारी का नाम सुन कर ही घबरा जाते है। इस बीमारी के विषय में बात नहीं करते है। रिश्तेदार,आस-पड़ोस को पता न चल जाये,इस लिए जांच व इलाज कराने से डरते है ।
डॉ राम ने लोगों से यह अपील की है कि कुष्ठरोग के विषय में परिवार,दोस्त और आस-पास के लोगो से बात करें। कुष्ठरोग एक बीमारी है समय से इलाज पूरा कराने से मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है। कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए घर-घर जा प्रचार-प्रसार और यह संदेश के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है की कुष्ठ रोग स्पर्श करने अथवा छूने से नहीं फैलता है। कुष्ठ रोग पूर्व जन्म का पाप नहीं है,बल्कि यह संक्रमण की बीमारी है जो कि माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से होती है, यह पूर्ण रूप से ठीक हो सकता है।
स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए प्रपत्र,पोस्टर,पंपलेट बैनर सभी ब्लाकों पर आशा कार्यकर्ता कुष्ठरोग के लक्षण की पहचान की जानकारी दी जा रही है। जिसमें चमड़ी का वह भाग जिसमें सूजन व सुन्नपन हो, हाथ पैर की नसों में मोटापा, सूजन या झनझनाहट,शरीर पर गांठ और लाल रंग की सूजी हुई त्वचा, चेहरा, कान का निचला हिस्सा मोटा हो जाना व गांठ का पड़ जाना,पैर की उंगली में टेढ़ापन, हाथ व पैर से पूरी क्षमता से काम का ना होना, आंख बंद करने में परेशानी के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
बचाव - घाव को साफ करके उसे साफ विसंक्रमित कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। खुले घाव में कोरोना का संक्रमण आसानी से अपना प्रभाव दिखा सकता है। ऐसे रोगियों को कुछ समय के अंतराल पर घाव पर ढके कपड़े को साबुन और गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाना चाहिए । कुष्ठ रोग से बचाव के लिए चोट से बचें और घाव को साफ रखें। कुष्ठ रोग को फैलने से रोकने व निदान के लिए जल्द से जल्द डॉक्टर की निगरानी में रहा कर पूर्ण इलाज करना चाहिए।