जिला अस्पताल में हो रहे कारनामे के लिए CMS ने जांच टीम का किया गठन
 

जिला अस्पताल में हो रहे कारनामे अक्सर सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए वायरल हो रहे हैं, जिससे जिले के स्वास्थ्य महकमे की छवि धूमिल हो रही है।
 

अवैध पैसा वसूली के मामले का जांच टीम करेगी खुलासा

दोषियों के ऊपर होगी कार्यवाही
 

चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति  त्रिपाठी जिला चिकित्सालय में लगातार कारनामे पर कारनामे होते जा रहे हैं। इसको लेकर जिला अस्पताल चर्चा में चल रहा है। कभी अल्ट्रासाउंड को लेकर, तो कभी डिजिटल एक्सरे, तो कभी मेडिकल बनाने के नाम पर धन उगाही करने का मामला सामने आ जा रहा है। इन सभी मामलों  के कारण हमेशा जिला अस्पताल चर्चा का विषय बना हुआ है।

 इन सारे कारनामों की जांच के लिए सीएमओ द्वारा सीएमएस को पत्र लिखकर कार्यवाई करने के लिए निर्देशित किया गया था, जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा इन सभी मामलों की जांच के लिए टीम गठित कर जांच प्रस्तुत करने का निर्देश जारी कर दिया गया है।

बता दें कि जिला अस्पताल में हो रहे कारनामे अक्सर सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए वायरल हो रहे हैं, जिससे जिले के स्वास्थ्य महकमे की छवि धूमिल हो रही है। इस मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा ट्वीट  कर उत्तर प्रदेश शासन तथा मुख्यमंत्री व डीएम को सूचित किया गया था।

 वहीं मेडिकल के नाम पर नाक, कान, गला विभाग डॉक्टरों द्वारा पीड़ित से ₹15,000 लेकर मेडिकल बनाने की बात की लिखित शिकायत की गयी है. मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को लिखित शिकायत देने के बाद इन मामलों की जांच की जा रही है। 

 बता दें कि लगातार अल्ट्रासाउंड को लेकर जिला अस्पताल के मरीजों द्वारा कई समस्याओं को उजागिर करने का कार्य किया गया है। यहां पर मरीजों को 3 महीने डेट दे दी जा रही है। वहीं अल्ट्रासाउंड के रेडियोलॉजिस्ट कभी भी अस्पताल में समय से नहीं आते हैं। उनके लेट आने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस पर विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही न होने पर आजिज होकर इनके कारनामों को सोशल मीडिया पर वायरल करके उजागर किया जा रहा है। 

अब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ उर्मिला सिंह द्वारा मामले की जांच करने के लिए टीम गठित कर दी गई है। इसको निर्देशित किया गया है कि इन मामलों की तुरंत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

अब देखना है कि इस टीम द्वारा ऐसे कारनामे करने वाले लोगों की इमानदारी से जांच कर दंडित किया जाता है या पहले की जांच टीम की तरह मामले में केवल लीपापोती करने का काम किया जाता है।