गोवंश संवर्धन एवं संरक्षण तथा लंपी रोग की समीक्षा, इन पर नाराज हुयीं जिलाधिकारी, कार्रवाई के आदेश
 

बैनर हर सार्वजनिक स्थानों पर तहसीलों में, ब्लाकों में लगवाएं तथा हर गांव में पोस्टर चस्पा किया जाय। ताकि आम जनता को इस बीमारी के बारे में जानकारी हो सके।
 

जिले की स्थिति की समीक्षा में कई ब्लॉकों में लापरवाही

एसडीएम व बीडीओ को दिए निर्देश

टीकाकरण टीम से हर दिन मीटिंग का फरमान

चंदौली जिले में गुरुवार की देर शाम जिलाधिकारी ईशा दुहन की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय गोवंश संवर्धन एवं संरक्षण तथा लंपी स्किन रोग (एलएसडी) से सुरक्षा एवं टीकाकरण के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें जिले की स्थिति की समीक्षा के साथ साथ पिछली बैठकों में दिए गए आदेश के क्रियान्वयन की जानकारी ली गयी।

बैठक में जिलाधिकारी द्वारा  गोवंशों के भरण पोषण में गैप प्रतिपूर्ति, हरा चारा उत्पादन, गोवंश आश्रय स्थलों को स्वावलंबी बनाने एवं उनमें सुधार पर चर्चा करने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने पशुओं की लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) टीकाकरण हेतु माइक्रोप्लान बनाकर दीपावली पर्व से पूर्व हर हाल में टीकाकरण पूर्ण करा लेने तथा किसी भी हालत में एक भी पशु टीकाकरण से वंचित न रहने पाए  निर्देश दिए। 

प्रत्येक विकास खंडों में टीकाकरण के प्रगति की समीक्षा में  लक्ष्य के सापेक्ष कम  टीकाकरण मिलने पर जिलाधिकारी ने धानापुर, चकिया तथा शहाबगंज के एसीबीओ से तथा बैठक में अनुपस्थित रहने पर ईओ सैयदराजा से स्पष्टीकरण जारी साथ ही अगली बैठक तक टीकाकरण में प्रगति ठीक न होने पर कठोर  कार्यवाही सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया। 

जिलाधिकारी ने कहा कि टीकाकरण टीम से हर रोज टीकाकरण के बाद बुलाकर बैठक करें। टीकाकरण में तेजी लाने की रणनीति तैयार करें और लम्पी की सामान्य जानकारी, बीमारी के लक्षण तथा बचाव व सलाह अखबारों में प्रकाशित कराया जाय। बैनर हर सार्वजनिक स्थानों पर तहसीलों में, ब्लाकों में लगवाएं तथा हर गांव में पोस्टर चस्पा किया जाय। ताकि आम जनता को इस बीमारी के बारे में जानकारी हो सके। जिस गांव में टीकाकरण के लिए जाना है, एक दिन पूर्व ग्राम प्रधान और अन्य माध्यमों से सूचना दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उसका लाभ उठा सकें।

 उन्होंने कहा कि  जनपद स्तरीय अधिकारी भी भ्रमण करें एवम् उप जिलाधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी एक साथ नियमित भ्रमण करते हुए क्रियाशील रहने एवं किसी भी प्रकार की कमी पाए जाने पर तत्काल पूर्ण कराने के निर्देश दिए।  जिलाधिकारी ने कड़े रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी गोवंश की पोषण या चिकित्सा के अभाव में मृत्यु न होने पाए। स्वाभाविक मृत्यु होने की दशा में शव को नियमानुसार दफनाया दिया जाय। 

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अजितेंद्र नारायण, समस्त उपजिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारीगण, पशुपालन विभाग के पशु चिकित्साधिकारीगण  व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।