जुलाई में महीनों में उड़ती खेतों से धूल से परेशान है किसान, जिले में सूखे के आसार
 

खरीफ की फसल की बुवाई जुलाई के पहले सप्ताह तक हो जानी चाहिए परंतु सरकार न किसानों पर ध्यान दे रही है और ना ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लगाम कस पा रही है।
 

सिंचाई के लिए परेशान किसान

नहीं पहुंच रहा है टेल तक पानी

कई जगह चल रहे धरने प्रदर्शन

चंदौली जिले के किसानों की कैसे आय होगी दोगुनी, कैसे जिएंगे किसान, कैसे भरेंगे बैंक का कर्ज़, कैसे भरेंगे लोन का ब्याज, कैसे करेंगे बेटियों की शादी, कैसे चलाएंगे अपने परिवार का खर्चा। परिवार के भरण पोषण यह सारी चिंताएं चंदौली जिले के किसानों को सता रही हैं। देखा जाए तो खरीफ की फसल की बुवाई जुलाई के पहले सप्ताह तक हो जानी चाहिए परंतु सरकार न किसानों पर ध्यान दे रही है और ना ही सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लगाम कस पा रही है।

चंदौली जिले के कई इलाके ऐसे हैं जहां नहरें तो हैं लेकिन पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं जा रहा है, जिससे नहरों के के टेल तक एकदम पानी की एक बूंद तक नहीं दिखाई दे रही है। इससे किसानों को काफी चिंता का सामना करना पड़ रहा है। बादल भी गरज के चले जा रहे हैं। फिलहाल मौसम के हिसाब से मूसलाधार बारिश होने की संभावनाएं कम ही दिख रही हैं। अगर अब देर से बारिश होती भी है तो किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो पाएगा। 

किसानों की आय दोगुनी होने की कौन कहे लागत भी नहीं निकल पाएगी। यही चिंता किसानों को सता रही है कि अगर इस साल फसल नहीं हुयी तो अगले सालभर के लिए अन्न कहां से लाएंगे। किसान कहते हैं कि अगर माइनर या नहर में पानी  होता तो हम किसी तरह करके अपने खेतों की सिंचाई कर लेते। परंतु न तो ही माइनर में कहीं पानी दिख रहा है ना ही कई बरसात होने की संभावना दिख रही है ऐसे में हम लोग सूखे की कगार पर आ खडे हुए हैं।

इतनी महंगाई की मार झेल रहे हैं किसानों के लिए मुश्किलेम बढ़ने की संभावना है। यह सब कुछ जानकर भी जिला प्रशासन व सिंचाई विभाग किसानों की मदद करने की बजाय केवल कागजी खानापूर्ति कर रहा है। किसानों के कई संगठन व यूनियन कई जगहों पर धरने प्रदर्शन कर रहे हैं।