जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को पूर्व सैनिकों ने सौंपा ज्ञापन, नये तरीके से सेना में भर्ती का विरोध
 

भारतीय सेना में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती के लिए लायी गयी अग्निपथ योजना से देश की जनता आक्रोश में हैं। मात्र 4 वर्षों के लिए सैनिकों की भर्ती वास्तव में सैन्य भर्ती न होकर एक सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर होकर रह जायेगी
 
पूर्व सैनिकों ने भी 4 साल की भर्ती पर उठाए सवाल, सौंपा अधिकारी को विरोध में ज्ञापन
 

चंदौली जिला मुख्यालय स्थित जिला सैनिक कल्याण अधिकारी 4 वर्ष सेना में भर्ती के विरोध में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को पूर्व सैनिकों ने भी एक ज्ञापन सौंप और इस भर्ती प्रक्रिया को देश व नौजवान विरोधी बताया। पूर्व सैनिकों ने कहा कि देश में इसका घोर विरोध इसीलिए हो रहा है कि सेना में ऐसी भर्ती उचित नहीं है। 

भारतीय सेना में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती के लिए लायी गयी अग्निपथ योजना से देश की जनता आक्रोश में हैं। मात्र 4 वर्षों के लिए सैनिकों की भर्ती वास्तव में सैन्य भर्ती न होकर एक सिक्योरिटी गार्ड ट्रेनिंग सेंटर होकर रह जायेगी, क्योंकि 4 साल तक सेना में रहने के बाद युवा या तो किसी प्राइवेट कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करेगा या फिर बेरोजगारी की मार से आत्महत्या करने को मजबूर होगा। 

सेना भर्ती की तैयारी के लिए बहुत से सैनिक 4 साल तैयारी करने में लगा देते हैं । मान्यवर, ऐसे में ऐसा लगता है जैसे सरकार ने यह कदम जानबूझकर देश के युवाओं के भविष्य को प्राइवेट कंपनीयों के हाथों में देने के लिए उठाया है।  सरकार जानबूझकर इन निजी कंपनियों को फायदा पंहुचा रही है। इस वजह से सभी देशभक्तों की भावनाओं को चोट पंहुची है। हमारी सेना भारत की शान है जो भारत के हर व्यक्ति के लिए गर्व है। ऐसे में सिर्फ प्राइवेट कंपनियों को फायदा पंहुचाने के लिए देश की सेना के साथ खिलवाड़ करना पूरी तरह से देश के खिलाफ काम करना है।

       
सरकार का यह तर्क भारतीय सेना और सैनिकों दोनों के साथ विश्वासघात करता है कि 4 वर्षों के बाद सैनिकों को सेवानिवृत्त करने से पेंशन पे आउट कम देना पड़ेगा। सरकार सेना की प्रभावशालिता और ताक़त को सिर्फ इसलिए कमजोर कर रही है ताकि उसे सैनिकों को पेंशन न देनी पड़े। सरकार का यह कुतर्क देश के सभी नौजवानों और देशभक्तों का मजाक बना रहा है। 

भारतीय सेना अपने जांबाज सिपाहियों के लिए देश की सेवा और मातृभूमि की सुरक्षा करने का एक सशक्त माध्यम है। इसी देशभक्ति और मातृभूमि की रक्षा के लिए सैनिक हर क्षण अपनी जान न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं लेकिन आपके फैसले ने सैनिकों की इस भावना और जज्बे को रौंदते हुए मातृभूमि की रक्षा के कर्त्तव्य को सिर्फ 4 वर्षों की कॉन्ट्रेक्ट आधारित नौकरी बनाकर रख दिया। यह एक घोर अपमानजनक कदम है। जिस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

       
 अतः आपसे निवेदन है कि अग्निपथ योजना जैसे अपमान जनक कदम के कारण देश के युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकने का प्रयास करें। भारत की सेना भारत का गर्व है अतः आपसे निवेदन है कि हमारी सेना के गर्व को खत्म करने का प्रयास न करें । भारतीय सेना अपने मूल्यों, संस्कारों, मानको एवं कठिन भर्ती प्रक्रिया व सुरण संगठनात्मक शक्ति तथा आम जनमानस में सम्मानपूर्ण स्थान के कारण ही सदैव से देश की सीमाओं की रक्षा हेतु तत्पर रही है। देश द्वारा नियत इस जिम्मेवारी को भारतीय सेना के सैनिक मृत्यु के वरण तक निभाते हैं। यही नहीं कर्तव्यों के निर्वहन में वीरगति प्राप्त सैनिक पर उनका परिवार और समस्त समाज फक्र करता है। इन्हीं भावनाओं के साथ ईश प्रदत्त देश सेवा की जिम्मेवारी निभाने के बाद एक पूर्व सैनिक के रूप में हम सब पूर्व सैनिक अब समाज की सेवा में है।

परन्तु सैनिक परिवार के प्रति खुद को नैतिक रूप से जुड़े होने के कारण, आजकल समाज में चल रही संविदा पर सैनिक भर्ती की चर्चा पर अपनी असहमति प्रकट करते हुए आपका ध्यान निम्नलिखत बिंदुओं पर ले जाना चाहते हैं
भारतीय सेना में एक सैनिक को संगठित सदस्य के रूप में तैयार करने में एवं सैनिक में कर्तव्यबोध, सेना के प्रति वीरगति तक कार्यरत होने की भावना तथा सर्वोच्च मानकों को विकसित करने की एक सतत लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

एक सैनिक को अपने कर्तव्यों के लिए तैयार करने एवं बाकी टुकड़ी को नेतृत्व देने की क्षमता विकसित करने में समय लगता है। तकनीकी कार्यों में और अधिक समय एवं आर्थिक व्यय होता है।

 इस मौके पर जिला अध्यक्ष उपेंद्र फौजी, जिला महासचिव श्याम सुंदर, जिला सचिव सुधाकर सिंह ,प्रदीप कुमार, वरिष्ठ सलाहकार सूर्यनाथ शर्मा ,नामवर सिंह, मंगल देव सिंह,राम नरेश पाल, बब्बू सिंह, संतोष सिंह,अजीत कनौजिया, प्रेम कुमार, इत्यादि मौजूद रहे