इंडियन बैंक के खिलाफ लॉकरधारी चलाएंगे अभियान, 21 फरवरी से नहीं जमा होने देंगे पैसा
 

चंदौली के इंडियन बैंक के लुटे हुए लॉकरधारियों की शनिवार को एक बैठक करके आगे की रणनीति तैयार की गई है,
 

चंदौली जिले में इंडियन बैंक के खिलाफ जागरूकता अभियान

बैंक की लूट पॉलिसी को करेंगे उजागर

खाता बंद करके किसी और बैंक में जाने की खाताधारकों से अपील

चंदौली के इंडियन बैंक के लुटे हुए लॉकरधारियों की शनिवार को एक बैठक करके आगे की रणनीति तैयार की गई है, क्योंकि बैंक द्वारा शुक्रवार तक मांगी गई समय सीमा बीत जाने के बाद भी बैंक में लॉकरधारकों के किसी भी सवाल का जवाब सही तरीके से जवाब नहीं दिया गया और गाइडलाइन का हवाला देकर तरह-तरह के बहाने बताए जा रहे हैं। इंडियन बैंक के आला अधिकारियों और पुलिस के कोतवाल के बीच 14 फरवरी को हुए समझौते व इस बात के आश्वासन के बाद तालाबंदी खत्म की गयी है कि बैंक खाताधारकों के द्वारा मांगी गयी जानकारी उपलब्ध कराएगा। 

 

बैंक उपभोक्ताओं के द्वारा मांगी गई सारी जानकारी सही तरीके से उपलब्ध कराने की समय सीमा शुक्रवार को खत्म होने के बाद अब बैंक जानबूझकर इसको देने में आनाकानी कर रहा है। वह अपनी गलती छुपाने के लिए सारा मामला पुलिस व प्रशासन पर सुरक्षा का ठीकरा फोड़ना चाहता है। इसी बात से नाराज होकर लॉकरधारको ने सोमवार से चंदौली जिला मुख्यालय पर 21 फरवरी से इंडियन बैंक की किसी भी शाखा को नहीं चलने देने का ऐलान किया है।

 

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खातधारकों की समस्याओं को समझते हुए व पैसे के अभाव में कोई ग्राहक परेशान न हो इसके लिए बैंक में केवल ऐसे खाताधारकों को जाने की परमीशन दी जाएगी, जो इंडियन बैंक से अपना पैसा निकाल कर किसी और बैंक में जमा करना चाहते हैं या किसी अन्य आवश्यकता के लिए बैंक से पैसे निकालना चाहते हैं। इसीलिए सोमवार से केवल ऐसे खाताधारकों को बैंक आना चाहिए।

चंदौली जिले के लुटे हुए समस्त उठे हुए लॉकरधारी इस बात की अपील कर रहे हैं कि आप इंडियन बैंक पर भरोसा न करें और जल्द से जल्द अपना खाता बंद कर लें। इसके लिए बकायदा चंदौली जिले भर में एक अभियान चलाया जाएगा और बैंक की सभी शाखाओं पर जाकर तालाबंदी की कार्यवाही चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

लुटे हुए समस्त उठे हुए लॉकरधारी इस बात के लिए संघर्ष कर रहे हैं कि आज के बाद ऐसी घटना और किसी लॉकरधारी या बैंक के खाताधारक के साथ न हो। बैंक की कर्जा वसूलने की पॉलिसी की ही तरह मुआवजे की भी साफ सुथरी व ईमानदार पॉलिसी हो, ताकि सभी खाताधारकों के साथ एक जैसा न्याय हो।

                                     

इंडियन बैंक के खाताधारकों से अपील 

1. इंडियन बैंक से अपना पैसा जल्द से जल्द निकालने और किसी और बैंक में चले जाएं। 
2. इंडियन बैंक दिवालिया होने जा रहा है। इसमें आपका पैसा सुरक्षित है। 
3. बैंक की सारी शाखाएं एक-एक करके बंद होने की तैयारी कर रही हैं। लॉकरों से डकैती करवाने के बाद मुआवजा न देना पड़े.. इसीलिए ऐसी योजना है। 
4. इंडियन बैंक के सिक्योरिटी पॉलिसी बहुत खराब है। लॉकर और पैसे की सुरक्षा करने में असमर्थ है। आपके पैसे व कीमती सामान लौटाने में असमर्थ हैं। 
5. इंडियन बैंक में फर्जी चेक से पैसा निकालने का रैकेट चल रहा है और आपका पैसा कभी भी खाते से गायब हो सकता है। 
6. इंडियन बैंक आपके पैसे और गहने लूटे जाने के बाद किसी भी तरह का मुआवजा भुगतान नहीं करेगा। कानूनी कार्यवाही के नाम पर दौड़ाएगा और खानापूर्ति करेगा। 
7. अगर आपने इंडियन बैंक से लोन लिया है तो लौटाने की जरूरत नहीं है। जब तक लॉकरधारकों का भुगतान नहीं होगा तब तक लोन चुकाने की छूट मिलेगी। बैंक पहले देगा फिर पैसे लेगा।

                                        मर्जी आपकी, आखिर पैसा है आपका
                       निवेदक व सहयोग के आकांक्षी- चंदौली के लूटे गए लॉकरधारी

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बैंक प्रबंधन और रिजर्व बैंक से अपील

 1. बैंक की कर्जा वसूली नीति की तरह देनदारी नीत भी स्पष्ट और पारदर्शी हो।  अगर बैंक अपने लोन रिकवरी के लिए कुर्की जैसी अन्य कार्यवाही करता है तो वैसे ही बैंक की अव्यवस्था और लापरवाही से लॉकरधारको व  खाताधारकों को होने वाले नुकसान की भरपाई भी उसी तरीके से की जाए।
2.  बैंक के लॉकर में रखी गई संपत्ति की घोषणा करने या न करने का ऑप्शन मिले, ताकि जो लॉकरधारको व  खाताधारक अपनी संपत्ति या गहने घोषित करता है, तो उसे पूरा का पूरा क्लेम मिले और जो नहीं घोषित करना चाहता है, तो वह इस तरह का क्लेम न करें।
3. बैंक की इंश्योरेंस पॉलिसी ठीक उसी तरह से हो जैसे बैंक रिजर्व बैंक के करेंसी चेस्ट की करता है।  या लॉकरधारको व  खाताधारकों  की संपत्ति की सुरक्षा के लिए कोई इंश्योरेंस पालिसी बनाए, जिसमें घटना दुर्घटना होने पर उनको मुआवजे का भुगतान अनिवार्य तौर पर किया जाए।
4. बैंक लॉकरों की सुरक्षा की पूरी गारंटी बैंक को ले और किसी भी तरह की घटना या दुर्घटना होने पर 50 लाख से कम का मुआवजा न देने की नीति बने और अगर जरूरत हो तो इस नीति में हर पांच साल आवश्यक संशोधन किए जाएं और मुआवजे की राशि दोगुनी कर दी जाए।
5. बैंक की सिक्योरिटी लैप्स की स्थिति में बैंक के ऊपर कम से कम ₹50 करोड़ का  जुर्माना लगाया जाए और उसकी धनराशि पीड़ित लॉकरधारकों या खाताधारकों में बांटी जाए।
6. जब आपके लॉकर या खाते के साथ कोई घटना या दुर्घटना होती है तो घटना के एक  सप्ताह से 15 दिन के भीतर मुआवजे के भुगतान की पॉलिसी बने। अगर बैंक इससे अधिक समय लेता है तो उसको जुर्माने के साथ भुगतान का आदेश दिया जाय। ताकि बैंक जानबूझकर लंबे समय तक पीड़ित लॉकरधारको व  खाताधारकों को परेशान न करें।  
7. बैंक में किसी घटना दुर्घटना के बाद अगर किसी लॉकरधारको व  खाताधारकों के  घर-परिवार में किसी सदस्य की सदमे से मृत्यु होती है तो बैंक कम से कम ₹1 करोड़ के मुआवजे का भुगतान कराने की नीति बने।
8. बैंक में 24 घंटे सिक्योरिटी अनिवार्य कराई जाए और ऐसा नहीं करने वाले बैंकों को बंद कराने की पहल शुरू हो।
9. सफाईकर्मी या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जरिए बैंक के सुरक्षा नियमों में ढिलाई नहीं दी जानी चाहिए और सारे सिक्योरिटी नॉर्मस बैंक खुलते समय या बंद होते समय बैंक मैनेजर की निगरानी में पूरे कराए जाएं और इसकी पूरी जिम्मेदारी बैंक मैनेजर को ही दी जानी चाहिए। 
10. चोरी-लूट-डकैती के बाद बैंक वादी बनकर पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखवाता है और उस घटना के बाद होने वाले रिकवरी बैंक की ही होनी चाहिए। इसीलिए उस में अनावश्यक रूप से बैंक के लॉकरधारको व  खाताधारकों को न घसीटा जाए, बल्कि उनका मुआवजा भुगतान करके बैंक अपना मुकदमा पुलिस प्रशासन और कोर्ट से लड़े और जो भी धनराशि या माल बरामद हो उसे लेकर संतोष करे। बैंक की गड़बड़ी की सजा लॉकरधारको व  खाताधारकों को न भुगतना पड़े। 
11. बैंक में बड़े फ्रॉड व एक करोड़ से अधिक की लूट या हेराफेरी की घटना दुर्घटना के बाद बैंक के चेयरमैन की जिम्मेदारी फिक्स हो और चेयरमैन सहित बैंक के 5 शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो और घटना वाले स्थानों पर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए, ताकि पीड़ित लॉकरधारियों या खाताधारकों के मुआवजे के बारे में तत्काल स्पष्ट फैसला हो जाए।

                                      मर्जी आपकी, आखिर पैसा है आपका
                   निवेदक व सहयोग के आकांक्षी- चंदौली के लूटे गए लॉकरधारी