आज जिला मुख्यालय के इंडियन बैंकों में पूर्ण तालाबंदी, जिले की अन्य शाखाओं पर भी होंगे प्रदर्शन
इंडियन बैंक के खिलाफ जन-जागरूकता अभियान चलाएंगे लुटे लॉकरधारी
हर दिन होंगे अलग-अलग तरह के कार्यक्रम
चंदौली जिले के इंडियन बैंक में लाकरधारियों की मांग को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन के मामले में बैंक प्रबंधन पूरी तरह से ढिलाई बरत रहा है और अभी तक घटना के 22 दिन से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी लाकरधारकों को सामान्य सी जानकारी भी नहीं दे सका है। वह इस पूरे मामले को हल्के में लेकर निपटाना चाहता है। इसलिए बैंक लाकरधारियों ने इस बात का ऐलान कर दिया है कि जब तक उनको मांगी गई सारी जानकारियां लिखित तौर पर नहीं दे दी जाती हैं, तब तक चंदौली जिला मुख्यालय के दोनों इंडियन बैंक पर अनिश्चितकालीन तालाबंदी रहेगी और बैंक के किसी कर्मचारी को कार्य नहीं करने दिया जाएगा।
इसके साथ ही साथ इंडियन बैंक की मुगलसराय, कमालपुर, धानापुर और बलुआ इलाके में मौजूद शाखाओं पर भी विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम चलाया जाएगा, ताकि इंडियन बैंक की लापरवाही और मनमानी से जनता को रूबरू कराया जा सके। बैंक प्रबंधन पूरी तरह से अपना पल्ला झाड़ लिया है और पीड़ित लाकरधारियों को एक भी रुपए मुआवजे के रूप में देने से इंकार कर रहा है। बैंक प्रबंधन रिजर्व बैंक की गाइडलाइन का हवाला देकर लॉकरधारियों को बरगलाने की कोशिश कर रहा है, जबकि इंडियन बैंक की शाखाओं में सुरक्षा के सारे मानक पूरे नहीं हैं। इंडियन बैंक न तो लॉकरधारकों के गहने और कीमती सामान सुरक्षित रख पा रहे हैं और ना ही सही तरीके से खाते में रखे पैसे का लेनदेन कर पा रहा है। बैंक पर आने वाले खाताधारक खूब दौड़ाया जा रहे हैं और उनके खाते से पैसे निकालने में भी आनाकानी और हीलाहवाली की जा रही है।
इंडियन बैंक की इस तरह की करतूत के खिलाफ पीड़ित लाकरधारियों ने प्रचार अभियान चलाने की मुहिम शुरू कर दी है और बैंक की हर शाखा पर जाकर बैंक प्रबंधन को चेतावनी देने और बैंक की लापरवाही और मनमानी के खिलाफ खाताधारकों जागरूकता पर्ची देने के साथ-साथ बैंक प्रबंधन और रिजर्व बैंक से अपील प्रचारित प्रसारित करने का काम करेगा ताकि जनता बैंक की मनमानी पॉलसी को जान सकें और सरकार तथा बैंक प्रबंधन पर इस बात का दबाव बनाए कि जनता की गाढ़ी कमाई को चोरी-डकैती के नाम पर लूटने से कैसे बचाया जाए।
इसके साथ ही साथ अगर बैंक प्रबंधन की गड़बड़ी से इस तरह की कोई घटना होती है तो लोगों को अधिकतम मुआवजा दिलवाने की कोशिश की जाए। नहीं तो लोगों का बैंक पर से भरोसा उठता जाएगा और भारत की वित्तीय व्यवस्था चरमराने लगेगी।
पीड़ित लॉकरधारकों में सर्वेश कुमार सिंह, अजय सिंह, दिनेश सिंह, अश्वनी कुमार सिंह, इंद्रजीत सिंह, लोकनाथ सिंह, सीमा सिंह, सुधा सिंह, अलका तिवारी, भुवनेश्वर सिंह, रामेश्वर सिंह, रेखा कुमारी, कृपाशंकर सिंह, शिवेंद्र प्रताप तिवारी, सुमनलता तिवारी, गौतम त्रिपाठी, पल्लवी चौहान, संतोष कुमार सिंह जैसे तमाम पीड़ित लाकरधारियों और उनके समर्थक लोगों ने इस लड़ाई को मिलकर लड़ने का फैसला किया है और अंतिम फैसला होने तक बैंक को बंद कराए रखने तक की तैयारी शुरू कर दी।