घर-घर चलाया गया कुष्ठरोग जागरूकता अभियान, उपचार से ठीक हुए 104 मरीज – डॉ तपेश्वर राम
 

चंदौली जिले में कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया गया ।  इसमें लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करने के साथ ही लक्षण पहचान कर कुष्ठ रोगियों की खोज की गई ।  
 

कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक

चंदौली जिले में कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया गया ।  इसमें लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करने के साथ ही लक्षण पहचान कर कुष्ठ रोगियों की खोज की गई ।  अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर लक्षणों के आधार पर कुष्ठ रोगियों की पहचान किया और उनको उपचार तत्काल शुरू किया  । इसके साथ ही जो कुष्ठ रोगी पहले से अपना उपचार करा रहे थे  उनका फॉलोअप भी किया ।  यह जानकारी जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ केएन सिंह ने दी । 

जिला कुष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारी डॉ तपेश्वर राम ने बताया कि 30 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक इस अभियान में कुल 18 नये कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं ।  अप्रैल 2021 से अब तक जिले में कुल 129   कुष्ठ रोगियों का इलाज पर रखे गए थे ।  जिसमें 104 मरीज ठीक हो चुके है ।  शेष मरीज को इलाज पर रखा गया है ।  जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ रोग मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सकीय सेवा व दवा उपलब्ध होती है । 


 
डॉ तपेश्वर राम ने कहा की कुष्ठ रोग छुआछूत और न ही जन्म से होता है । इसके साथ ही खाने उठने बैठने से नहीं फैलता है। यह संदेश को जन-जन तक पहुंचाने व लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक किया गया । ताकि लोगों में कुष्ठ रोग से डरने की नहीं बल्कि जागरूक होकर इलाज करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है । यह एक संक्रमण की बीमारी है जो कि माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक जीवाणु से होती है।  यह बीमारी समय से और डॉक्टर के बताए गए अवधि तक दवा की अवधि  (कोर्स) पूरी कर लेने से मरीज ठीक हो कर सामान्य जीवन जी सकता है। 
 
विशेष सावधानियाँ - शरीर का कोई ऐसा दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली ना हो, पसीना ना आता हो, कान पर गांठे होना, हथेली और तलवों पर सुन्नपन होना कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। 
 
लक्षण - चमड़ी का वह भाग जिसमें सूजन व सुन्नपन  हो, हाथ पैर की नसों में मोटापा, सूजन या झनझनाहट,शरीर पर गांठ और लाल रंग की सूजी हुई त्वचा, चेहरा, कान का निचला हिस्सा मोटा हो जाना व गांठ का पड़ जाना,पैर की उंगली में टेढ़ापन, हाथ व पैर से पूरी क्षमता से काम का ना होना, आंख बंद करने में परेशानी के प्रति जागरूक किया जा रहा है । 

बचाव - घाव को साफ करके उसे साफ विसंक्रमित कपड़े से ढक कर रखना चाहिए। खुले घाव में कोरोना का संक्रमण आसानी से अपना प्रभाव दिखा सकता है। ऐसे रोगियों को कुछ समय के अंतराल पर घाव पर ढके कपड़े को साबुन और गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाना चाहिए । कुष्ठ रोग से बचाव के लिए चोट से बचें और घाव को साफ रखें। कुष्ठ रोग की दवा सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध होती है।

ब्लॉक चकिया के रहने वाले 60 वर्षीय उपचाराधीन–मुकेश ठीक हो चुके मरीज ने बताया कि मेरे शरीर में उभरे हुए तांबे रंग के चकत्ते और सुन्नपन था। 6 जून 2021 को कुष्ठ रोग के लक्षण की जांच हुई ।  छ: माह तक नियमित दवा का सेवन किया ।  आज मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ ।     नि:शुल्क जांच और इलाज शुरू किया गया ।  ब्लॉक चंदौली से गफ़ूर (काल्पनिक नाम)55 वर्ष ने बताया की कई महीनों से शरीर पर छोटे चकत्ता व सुनेपन हो रहें थे ।  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि हुई ,मैं डर गया था ।  डॉक्टर ने कहा अभी शुरुअत लक्षण है, इलाज से यह बीमारी पूरी तरह ठीक हो जाती है ।  18 जुलाई  2021 से मेरी दवा शुरू की गई थी । अभी मैं पूरी तरह ठीक हु ,मेरी दवा भी बंद हो चुकी है ।