महिला दिवस विशेष : नौगढ़ के बीहड़ों में नारी सशक्तिकरण कि जग रही है अलख
 

पूरी दुनिया में हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। घर से लेकर देश की तरक्की में महिलाओं ने हर संभव अपना योगदान दिया है।
 

नारी सशक्तिकरण का प्रयास भी पकड़ रहा जोर

नीतू सिंह निभा रही जागरूक व स्वावलंबी बनाने में अहम भूमिका

पूरी दुनिया में हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। घर से लेकर देश की तरक्की में महिलाओं ने हर संभव अपना योगदान दिया है। उनके कठिन परिश्रम, त्याग और समाज निर्माण में उनके योगदान के लिए आज का दिन उन्हें सम्मान करता है।

चंदौली जनपद में नौगढ़ के बीहड़ों में नक्सलवाद कि चिंता किये बगैर पिछले 21 साल से ग्राम्या संस्थान की नीतू सिंह नारी सशक्तिकरण के प्रयास के साथ ही किशोरियों  व महिलाओं को स्वास्थ्य  के प्रति जागरूक व स्वावलंबी बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं ।


  
परियोजना प्रबंधक नीतू सिंह ने बताया की वर्ष 2002 में नक्सलवाद का दखल नौगढ़ के बीहड़ों में बढ़ता जा रहा था। ठीक उसी समय नारी सशक्तिकरण का प्रयास भी जोर पकड़ रहा था । तब बालिका शिक्षा,महिलाओं व किशोरियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर, उनकी समस्याओं के लिए ,प्रशासन के साथ संवाद स्थापित कर दूर करना उनकी प्राथमिकता बन गई ।


 
 महिलाओं को जागरूक किया फिर  भी पुरुषों में जागरूकता की कमी बनी हुई थी । उनके निरंतर प्रयास और स्थानीय महिलाओं की कोशिश रंग लायी । क्षय रोग पर सराहनीय कार्य करने के वजह से 5 जनवरी 2021 में राज्यपाल महोदय आनंदी बेन पटेल द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया ।   

पूर्व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ डी एन मिश्रा ने बताया कि इन्हें क्षय रोग जन जागरुकता व 19 लोगों को गोद लिए जाने के लिए । 5 जनवरी 2021 में महा महिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा सम्मानित किया गया ।

नीतू ने कहा शुरुआती दौर में मेरे सामने पारिवारिक व सामाजिक रुकावटे आई लेकिन मेरे ससुर जी ने साथ दिया। बीहड़ क्षेत्रों में महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, सबको जननी सुरक्षा योजना व जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम का लाभ मिल सकें । साथ ही परिवार नियोजन को लेकर समुदाय में जागरूकता कार्यक्रम जैसे- बैठक करना, पपेट शो के द्वारा जागरूक करने का काम शुरू की। तब परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करना आसान नही था। 

परिवार नियोजन के बारे में खुलकर बात करना उस दौर में गन्दगी फैलाना माना जाता था। लेकिन उन्होंने  हार नहीं मानी,और महिलाओं के साथ लगातार संपर्क व बैठक करती रहीं। इस काम को करते हुए लगभग 15 साल बाद पुरूष वर्ग भी उनको समझ पाया कि परिवार नियोजन पर बात करना और जानकारी होना बहुत ही जरूरी है।

 वह बताती हैं कि तब नौगढ़ में टीबी के मरीज भी काफी थे पर वह अपना रोग छिपाते थे । उनको डर लगता था कि अगर समाज में लोगो को पता चलेगा तो उनकी बदनामी होगी। क्षय रोग के प्रति उन्होंने पहले महिलाओं को जागरूक किया फिर  भी पुरुषों में जागरूकता की कमी बनी हुई थी । उनके निरंतर प्रयास और स्थानीय महिलाओं की कोशिश रंग लायी । क्षय रोग पर सराहनीय कार्य करने के वजह से 5 जनवरी 2021 में राज्यपाल महोदय आनंदी बेन पटेल द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया ।

 नीतू सिंह बताती हैं कि  21 साल के कठिन परिश्रम में करीब 1500 महिलाओं को वह परिवार नियोजन सुविधा दिलाने के साथ ही 2200 प्रतिभाशाली महिलाओं व युवतियों को स्वावलंबी बना चुकी हैं  । आज वो महिलाएं शिक्षिका, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,  एएनएम, और समाजसेवी है। यह देखकर उन्हें सन्तोष होता है कि जिन महिलाओं को मैंने आगे बढ़ाया वो खुद में न सिमटकर औरो के लिए भी कुछ कर रही है । परिवार नियोजन,स्वास्थय एवं बालिका शिक्षा लेकर विभिन्न मंचो पर पहल करती है । कोरोना काल कीपहले लहर में उन्होंने 500 परिवारों को राशन, मास्क 6000 परिवार को और सेनेटरी पेड 10000 महिलाओ तक पहुचाया जिसका सार्थक परिणाम भी देखने को मिला।