गुंडा'-'गुंडी' जैसे और शब्दों को सुनने के लिए हो जाइए तैयार, बढ़ेगी जिले में ऐसी जबानी जंग
उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2022 की आहट तेज होती जा रही है, वैसे-वैसे नेताओं की जवानी जंग भी तेज होती जा रही है। अब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शब्दों के चयन में भी कोई संकोच नहीं दिखाई दे रहा है। सत्ता पक्ष के नेताओं के बयान के विरोध में विपक्ष के लोग भी उसी तरह की भाषा का उपयोग कर रहे हैं।
आपको बता दें कि मुगलसराय के सिकटिया गांव में हुई हत्या के बाद भारतीय जनता पार्टी की मुगलसराय से विधायक साधना सिंह ने समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर इशारा करते हुए उन्हें 'गुंडा' कहकर संबोधित किया था। उसी संबोधन का जवाब देते हुए समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायकों ने मुगलसराय की विधायक को 'गुंडी' कर डाला।
चंदौली जिले में समाजवादी पार्टी की जनादेश यात्रा का शुभारंभ करने आए उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज के सामने मंच पर संबोधन के लिए आए मुगलसराय विधानसभा के पूर्व विधायक बब्बन चौहान ने मुगलसराय की भाजपा विधायक को 'गुंडी' कहा तो उसके बाद संबोधन करने आए सैयदराजा के पूर्व विधायक भी उनकी हां में हां मिलाते हुए विधायक को 'गुंडी' कह कर संबोधित कर दिया है। इस तरह के बयान से चंदौली जिले की राजनीति अब और अधिक गरमाने वाली है।
मनोज कुमार सिंह डब्लू और बब्बन चौहान के वीडियो के वायरल होते ही चंदौली जिले के लोगों में चर्चा शुरू हो गई कि अब मौका मिलते ही भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जरूर समाजवादी पार्टी के नेताओं के इस बयान का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी की मुगलसराय विधायक साधना सिंह ने कहा कि जिसका जितना ज्ञान होगा उतना ही बोल सकता है। इसका जवाब जनता देगी। ऐसी भाषा का जवाब बैलट से आने वाले कुछ दिनों में मिल जाएगा। ऐसे नेताओं के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती हैं।
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक व राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू ने कहा कि ऐसी भाषा का उपयोग भारतीय जनता पार्टी के विधायक ने ही सबसे पहले किया था। भाजपा के लोग जैसी भाषा में बात करेंगे। उनका उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा। उन्होंने पहले सपा के लोगों को गुंडा कहा था।
वहीं इस मामले पर बोलते हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुगलसराय विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे अधिवक्ता डॉक्टर नारायण मूर्ति ओझा ने कहा कि जिन राजनेताओं को जिले और अपने विधानसभा के विकास के बारे में कोई चिंता नहीं होती, वह इस तरह की भाषा का उपयोग करके अपने ज्ञान और बुद्धि का प्रदर्शन करते हैं। चंदौली की जनता को ऐसे नेताओं को सबक सिखाने की जरूरत है, ताकि पंडित कमलापति त्रिपाठी कि इस कर्मभूमि को एक बार फिर से विकास के रास्ते पर लाया जा सके और राजनीति में गाली गलौच करने वाले लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।