नहीं हो रही गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई
कहीं छोटे कमरों में ठूसे जाते हैं बच्चे
कहीं रहता है बच्चों का टोटा
बिना ट्रेंड शिक्षक के होती है पढ़ाई
ठेंगे पर सरकार का शासनादेश
चंदौली जिले के शासन स्तर पर गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विरुद्ध अभियान चलाकर उन्हें बंद करवाने का सख्त निर्देश है, लेकिन स्थानीय स्तर पर विभागीय अधिकारी मौन बैठे हैं। जिले के कई इलाकों में सैकड़ों स्कूल बिना मान्यता व मानक के चल रहे हैं।
आपको बता दें कि जनपद में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की भरमार है। यह तादाद हजारों में होगी। बिना मानक के लोक लुभावन सुविधाओं का दावा कर ऐसे विद्यालयों का बेखौफ संचालन किया जा रहा है। कहीं पर छोटे कमरों में 30 से अधिक बच्चों को ठूंस कर बैठाया जाता है। गैर प्रशिक्षित शिक्षकों से पढ़वाते हुए बेहद पुराने व खटारा वाहनों से बच्चों को विद्यालय लाया जाता है।
बताते चलें कि अनुमानतः प्रत्येक ब्लाक में इन विद्यालयों को संचालित होते देखा जा सकता है। ऐसा नहीं कि संबंधित विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वह सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं।
शासन ने पिछले कुछ वर्षों से बेसिक मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए यूडाइस नाम से पोर्टल जारी किया है। जिस पर विद्यालयों की प्रोफाइल यानी उसकी भौतिक स्थिति, शिक्षकों का स्तर व छात्रों का विस्तृत विवरण भरा जाना है। इसके बाद सभी छात्रों को परमानेंट, एनरोलमेंट नंबर (पैन नंबर) जारी नहीं किया जा रहा है। जिसके बगैर छात्रों को अन्य संस्थानों में प्रवेश नहीं मिल सकता।
इस संबंध में विद्यालय प्रबंधक संघ के महामंत्री कुमार रवि ने बताया कि शासन द्वारा प्रति वर्ष गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश जारी किया जाता है, लेकिन कभी भी कोई पहल देखने को नहीं मिली। ऐसे विद्यालय गांव स्तर पर धड़ल्ले से संचालित किए जा रहे हैं।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी व सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी अक्सर अभियान चलाकर कार्रवाई करने का दावा तो करते हैं, लेकिन इन्हें बंद कराने पर जोर नहीं दे पा रहे हैं।