चंदौली जिले की सहकारी समितियों पर लटका है ताला, सामूहिक इस्तीफा देकर बना रहे दबाव
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चंदौली जिले की सहकारी समितियों के सचिवों ने दुर्व्यवहार करने और परेशान करने का आरोप लगा चार दिन पहले सहायक निबंधक को अपना सामूहिक इस्तीफा सौंप चुके हैं। जिससे समितियों पर ताले लटके हुए हैं।
उत्तर प्रदेश सहकारी समिति संघ के पदाधिकारियों और सचिवों ने यह आरोप लगाते हुए कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है और काफी दबाव में उनसे काम कराया जा रहा है। अधिकारी दुर्व्यवहार कर रहे हैं। इसी को लेकर 16 सितंबर को एआर कोआपरेटिव सोमी सिंह को 55 सचिवों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इस्तीफे को नामंजूर करते हुए काम पर लौटने की चेतावनी दी गई है।
इधर, सचिवों के काम पर नहीं जाने से समितियों पर ताले लटके हैं। बरहनी, सैयदराजा सहित 83 समितियां हैं जहां ज्यादातर समितियों पर किसान खाद के लिए परेशान हैं।
उत्तर प्रदेश सहकारी समिति संघ के महामंत्री महेंद्र सिंह कहा कि भारी दबाव में सचिव कार्य करते हैं। उसके बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है कहा कि जब तक हमारी मांगों पर विचार नहीं होगा तब तक हम कोई कार्य नहीं करेंगे।
सरेसर रैक प्वाइंट पर खाद की खेप पहुंची गई, लेकिन कई समितियों के बंद होने के कारण खाद को गोदाम में स्टाक किया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह यादव ने कहा कि 25 सितंबर को बैठक का आयोजन किया गया है, इसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
मामले पर सहायक निबंधक, सहकारिता सोमी सिंह ने कहा कि जिले में उर्वरक रैंक पॉइंट पर आई है, लेकिन हम समिति के सचिव इस्तीफा देने के कारण कोई कार्य नहीं कर रहे हैं। इसके चलते खाद पीसीएफ के गोदाम में रखी जा रही है।
जनपद के सचिव कार्यालय में पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंपा, लेकिन साधन सहकारी समितियों के सचिवों के सामूहिक त्याग पत्र को नामंजूर कर दिया गया है। काम पर लौटने के लिए सभी सचिवों को नोटिस दिया गया है। जल्द नहीं लौटे तो जिलाधिकारी के माध्यम से सख्त कार्रवाई की जाएगी।