चकबंदी विभाग पर गंभीर आरोप, पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने DM से की शिकायत
 

अरविंद सिंह ने बताया कि कुरहना मौजे में चकबंदी की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। उन्होंने दावा किया कि चक कटने के बाद उनकी जमीन का मामला एसीओ, सीओ, एसओसी और डीडीसी स्तर तक पहुंच गया है और सभी स्तरों पर उनका चक फाइनल भी हो गया।
 

कुरहना गांव में चकबंदी प्रक्रिया बनी विवादों का केंद्र

चकबंदी नियमों की अनदेखी का आरोप

अरविंद सिंह ने डीएम चंदौली से मिलकर की न्याय की गुहार

सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव मौके पर पहुंचे

चंदौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील अंतर्गत कुरहना गांव में चकबंदी विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य अरविंद सिंह ने डीएम से मिलकर चकबंदी प्रक्रिया में गड़बड़ी और मनमानी का आरोप लगाया है।

अरविंद सिंह ने बताया कि कुरहना मौजे में चकबंदी की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। उन्होंने दावा किया कि चक कटने के बाद उनकी जमीन का मामला एसीओ, सीओ, एसओसी और डीडीसी स्तर तक पहुंच गया है और सभी स्तरों पर उनका चक फाइनल भी हो गया। इसके बाद डीडीसी के स्तर से निगरानी निस्तारण भी हो चुका है, फिर भी उन्हें अब तक कब्जा परिवर्तन नहीं दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि चकबंदी नियमों के अनुसार सीओ स्तर पर कब्जा परिवर्तन कराना आवश्यक होता है, लेकिन उन्हें अब तक इसका लाभ नहीं मिला है। अरविंद सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़े कुछ प्रभावशाली नेता इस मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं और उनका कार्य जानबूझकर बाधित किया जा रहा है।

इस पूरे मामले को लेकर सकलडीहा से सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव भी सक्रिय हो गए हैं। वे मौके पर पहुंचे और पीड़ित से मुलाकात कर पूरी जानकारी ली। विधायक ने डीएम से मुलाकात कर अरविंद सिंह को न्याय दिलाने की सिफारिश भी की।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि डीएम इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या चकबंदी विभाग की कार्यशैली पर कोई ठोस कार्रवाई होती है। मामले को लेकर स्थानीय लोगों में भी काफी रोष देखा जा रहा है।