भाजपा नेताओं के मैसेज से पकड़े जा रहे जानवर, बाजारों के जानवरों को नहीं देख रहे अफसर
कागज पर पकड़े जा रहे छुट्टा पशु
सड़कों पर लोग हैं परेशान
समस्याओं का नहीं हो रहा समाधान
सांसद जी ग्रुप में एक दो फोटो डालकर दिखा रहे वाहवाही
चंदौली जिले में सड़क के बीचो-बीच बैठे पशुओं के चलते हादसे की आशंका बनीं रहती है। इसके अलावा शहर, बाजार, गली, कस्बे, गांव की गलियों में भी पशुओं की भरमार हो गई है। नगर में छुट्टा पशुओं की यह स्थिति तब है जबकि जिले के अधिकारियों की ओर से हर रोज इन्हें पकड़ने का दावा किया जाता है। कई बार तो सड़क पर बैठे पशु अक्सर रात में बड़े वाहनों की चपेट में आकर मर जाते हैं, तो वहीं कुछ घायल हो जाते है।
बताते चलें कि सड़क पर घूम रहे निराश्रित पशुओं के सरंक्षण के लिए मुख्यमंत्री काफी सख्त है।इसके बावजूद सड़क पर पशुओं की संख्या में कमी नहीं हो रही है। सबसे अधिक खराब स्थिति नगरपालिका रेलवे ओवरब्रिज से सुभाष पार्क तक 15 से 20 पशु सड़क पर घूमते रहते है। इसके अलावा रविनगर, कैलाशपुरी मैनाताली, लाठनंबर एक व दो, अलीनगर आदि वाडों में जगह-जगह झुंड में घूमते मिलेंगे।
सबसे खतरनाक स्थिति तो कोतवाली के सामने की है। सब्जी मंडी में पर्याप्त भोजन मिलने के कारण यहां छुट्टा पशुओं की सबसे अधिक संख्या मौजूद रहती है। कई बार पशु आपस में लड़ जाते है। जिससे बाजार में भगदड़ की स्थिति भी बन जाती है।
इसी प्रकार चकिया तिराहा से अलीनगर के बीच भी 08 से 10 पशु विचरण करते मिल जाएंगे। जीटी रोड पर पशुओं के बैठे रहने के कारण कई बार हादसे की आशंका बनी रहती है। सबसे अधिक खतरनाक स्थिति रात में है।
कुछ ऐसा ही हाल जब आप जिला मुख्यालय से सैयदराजा, मुगलसराय व सकलडीहा वाली सड़कों पर जाएंगे तो देखने को मिलेगा। सकलडीहा बाजार, चहनिया बाजार में भी जानवर देखे जाते हैं।
लोगों का कहना है कि अंधेरे में सड़क पर बैठे पशु दिखाई नहीं देते, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। वहीं पशुओं के जगह-जगह गोबर कर दिये जाने के कारण वहां गंदगी फैली रहती है। बड़े वाहनों की चपेट में आने के कारण पशु भी घायल हो जाते है।
लोगों ने कहा कि अधिकारियों पर कार्रवाई न होने से सब कुछ मनमाने जैसा है। जब भाजपा के नेता या विधायक फोन करते हैं या अफसरों को मैसेज करते हैं तो इनको पकड़ा जाता है, नहीं तो ये जानवर घूमते रहते हैं।