विश्व श्रवण दिवस पर जिला अस्पताल पर निकाली गई जागरूकता रैली
यथार्थ नर्सिंग कॉलेज के बच्चों ने विश्व श्रवण दिवस पर निकाली रैली
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने रैली को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
चंदौली जिले के जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल से विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विश्व श्रवण दिवस के महत्व को बताया।
बता दें कि 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर युगल किशोर राय एवं विशिष्ट अतिथि एसीएमओ डॉक्टर सीपी सिंह द्वारा रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
रैली के दौरान यथार्थ नर्सिंग कॉलेज के छात्रों ने विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय बधिरता बचाव एवं रोकथाम कार्यक्रम एनपी पी सीडी के माध्यम से इसका प्रचार प्रसार किया ।
इस दौरान अधिकारी कर्मचारी व डॉक्टर के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी रैली में सम्मिलित रहे और नगर भ्रमण कर फिर जिला अस्पताल आने के बाद एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
गोष्ठी के दौरान सभी ने विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर श्रवण शक्ति एक ऐसा माध्यम है जिससे दुनिया से हमारा संपर्क होता है। वही नोडल द्वारा यह भी बताया गया कि यदि आपके या आपके बच्चे के कान बहता हैं तो सबसे पहले तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1- कान में पानी न जाने दे और किसी प्रकार का तरल पदार्थ ना डालें ।
2- कान से मवाद को साफ एवं नरम कपड़े से साफ करें ।
3- मवाद में बदबू होने या खून आने पर गंभीर रोग के लक्षण होते हैं । उसके लिए डॉक्टर का सुझाव ले ।
वहीं उन्होंने यह भी बताया कि गंदे पानी में तैरने या नहाने से बचे। स्वच्छता के कारण ही कान की बेहतर इलाज हो सकता है और स्वच्छ वातावरण में रहे और तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपने कानों का इलाज कराए।
वही इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों की देखभाल के लिए अध्यापकों के लिए भी सुझाव है। उन्होंने कहा कि बच्चे यदि कक्षा में अनमन रहे और ध्यान ना दें, तो हो सकता है कि वह कम सुनता हो । यदि बच्चे का कान बहता है हो या कम सुनता हो तो उसकी डॉक्टरी जांच कराए। बच्चों को कान में कुछ डालने से रोके एवं कभी कान पर ना मारे।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यदि छोटा बच्चा जन्म लेता है तो उसके श्रवण की शक्ति के बारे में हम नहीं जान पाते हैं लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है तो चिटकी ,खिलौने की आवाज एवं किसी प्रकार की आवाज सुनने के बाद बच्चा अगर कोई मूवमेंट नहीं करता है तो ऐसे बच्चों को तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाएं और 3 साल के बच्चों का मशीन के माध्यम से इलाज कर उनके श्रवण शक्ति को जागृत की जा सकती है, लेकिन 5 साल की उम्र के बाद ऐसे बच्चों का इलाज होना संभव नहीं है लेकिन सरकार के चलाए गए कार्यक्रम के अनुसार ऐसे बच्चों का इलाज जनपद में बड़ी तेजी से हो रहा है जिसमें अब तक 12 ऐसे बच्चों के सुनने की क्षमता वापस कर दी गई है और उनका बकायदे ऑपरेशन करने के बाद आज बच्चे सुन सकते हैं इसलिए मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से सभी को सुझाव देना चाहूंगा कि अगर क्षेत्र में आसपास में ऐसा कोई बच्चा दिखाई दे तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग के टीम से संपर्क कर अपना निःशुल्क बच्चे का इलाज करा कर उसकी श्रवण शक्ति वापस दिला सकते हैं।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉक्टर सीपी सिंह डॉक्टर ज्ञान प्रकाश सिंह , डॉक्टर संजय कुमार, डॉ शरद कुमार मिश्रा एंट डॉक्टर अभिनव मिश्रा, डॉक्टर कुलदीप चाहर, उमेश विश्वकर्मा एवं यथार्थ नर्सिंग कॉलेज के अध्यापक अध्यापिकाएं एवं सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।