बिरहा विधा बचाओ, बिरहा विधा गाओ, बिरहा विधा बढाओ कार्यक्रम का आयोजन
 

काशी नाथ यादव ने कहा कि  बिरहा में जवाब सवाल होना चाहिये,  ना कि अभद्रता। आजकल कुछ नौसिखिया गायक समाज मे अश्लील गानों को पेश कर पूरे बिरहा समाज को कलंकित कर दिया है।
 

बिरहा के भीष्म पितामह को किया गया याद

ऐसे याद किए गए स्व. परशुराम यादव

कई कलाकारों ने गायक को दी श्रद्धांजलि

चंदौली जिले में आज 24 सितंबर को एमबी पाब्लिक स्कूल हारूपुर में बिरहा विधा बचाने के लिये आयोजित कार्यक्रम में बिरहा के भीष्म पितामह स्व. पंडित परशुराम यादव जी को याद किया गया और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करके बिरहा के बारे में बात की गयी।

 इस कार्यक्रम में बिरहा विधा को बचाने के लिए जगत नारायण सिंह कविजी ने कहा कि इस आधुनिकता के चकाचौंध ने बिरहा जैसे शब्दों को विलुप्त किया जा रहा है, जो काफी दुखदाई है। एक ज़माने में बिरहा ही मनोरंजन का साधन हुआ करता था। आज के दौर में अश्लील गानों एवं अभद्र भाषा का प्रयोग करके गाए जाने वाले गानों को समाज  काफी वरीयता दे रहा है, जो काफ़ी हद तक गलत है।

बिरहा विशेषज्ञ ने कहा कि महिला गायिकाओं का सम्मान करें व अभद्र गाने को गाने से बचें। उनको भी आगे बढ़ाएं तभी इसका सम्मान बढ़ेगा।

काशी नाथ यादव ने कहा कि  बिरहा में जवाब सवाल होना चाहिये,  ना कि अभद्रता। आजकल कुछ नौसिखिया गायक समाज मे अश्लील गानों को पेश कर पूरे बिरहा समाज को कलंकित कर दिया है। बिरहा की सुपरस्टार गायिका नीतू चंचल ने कहा कि पुरानी गीतों को आज के नये कलाकार  नहीं गाएंगे  तो क्या गाएंगे।

संयोजक श्री राम यादव तथा ई. रामकेश सिंह यादव जी द्वारा बिरहा विद्या के उत्थान के लिये हर पहलुओं पर विधिवत प्रकाश डाला गया। इस मौके पर पहले के कवियों द्वारा लिखित वीर रस व करूण रस व हास्य रस लोगों के सामने परोसा गया ।

 इस मौके पर बृजमोहन यादव, ज्ञानी यादव, उपेंद्र लाल यादव, प्रमोद लाल सहित अन्य बिरहा के गायक कलाकार मौजूद रहे।