बाल संरक्षण समिति के साथ इन योजनाओं की समीक्षा, अफसरों को बतायी गयीं ये खास बातें
जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई सम्पन्न
चंदौली जिले के जिलाधिकारी संजीव सिंह के निर्देशानुसार मुख्य विकास अधिकारी अजितेंद्र नारायण की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला शक्ति केंद्र, किशोर/किशोरी सशक्तिकरण एवं बाल विकास रोकथाम की जिला टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुई।
इस दौरान बैठक में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा महिला कल्याण विभाग से संचालित महिला एवं बच्चों से संबंधित समस्त योजना एवं अधिनियम के विषय में जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कहा गया कि ब्लॉक संरक्षण समिति एवं बाल संरक्षण समिति यह सुनिश्चित करें कि देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले 0 से 18 वर्ष यथा नवजात, परित्यक्ता, बेसहारा, लावारिस, कूड़ा बीनने वाले उपेक्षित बच्चे, बाल श्रमिक, बाल विवाह, बाल वेश्यावृत्ति, असाध्य रोगों से पीड़ित बच्चे एवं अन्य किसी प्रकार के शोषण से पीड़ित बच्चे जिनकी उम्र 0 से 18 वर्ष के बीच हो को बेसहारा और उपेक्षित होने से बचाना है।
खासकर ऐसे बच्चों के मिलने पर 24 घंटे के अंदर चाइल्ड लाइन के निशुल्क नंबर 1098 वह महिला हेल्पलाइन 181 एवं पुलिस कंट्रोल रूम पर तत्काल सूचना दें। साथ ही बाल अपचारी जिनकी उम्र 7 से 18 वर्ष की हो को चिन्हित करें, जिससे उक्त बच्चों को सुधारा जा सके। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ब्लॉक संरक्षण समिति की बैठक नियमानुसार एवं समय-समय पर शासन आदेशानुसार किया जाए एवं ग्राम समिति की बैठक को भी समय से कराना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभाग मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के पात्र बच्चों का फॉर्म भरवा कर उनका लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित हो। फिट फैसिलिटी/ फिट पर्सन/ फास्टर केयर के बारे में भी विस्तार से चर्चा किया जाए, जिससे ग्राम स्तर पर सभी बिंदुओं पर समझ एवं चर्चा हो सके।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि ब्लॉक एवं ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों की बैठक प्रत्येक तीन माह पर कराने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया जाए बैठक के दौरान मंडलीय सलाहकार बाल विकास संरक्षण द्वारा बताया गया कि पास्को नियम 2020 के तहत दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति पुलिस विभाग द्वारा 24 घंटे के अंदर बाल संरक्षण समिति बाल कल्याण समिति चंदौली को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाने के प्रावधान हैं तथा 15 से 18 वर्ष के बाल श्रम में लिप्त बच्चों को भी किशोर न्याय अधिनियम के तहत 24 घंटे में बाल कल्याण समिति चंदौली के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के प्रावधान हैं।
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पुलिस एवं श्रम विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए। जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई चंदौली के किए गए कार्यों को विस्तृत रूप से बताया गया। बेटी-बचाओ बेटी- पढ़ाओ एवं बाल विवाह रोकथाम हेतु व्यापक प्रचार प्रसार के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
इस बैठक के दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला सूचना अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, एसीएमओ, एसजेपीयू बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी सहित पुलिस विभाग एवं समिति से संबंधित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।