शासन का है महिलाओं पर फोकस, महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दिखाएं प्रतिबद्धता
बैठक में निर्देशित किया कि बच्चों, गर्भवती, धात्री, किशोरियों, महिलाओं को पोषण स्तर में सुधार लाने एवं उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना शासन की प्राथमिकता में है। कहा कि गर्भवती महिलाओं की निरंतर निगरानी की जाए एवं बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सजगता रखने के लिए जागरूक करें।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर वजन मशीन आदि जो भी उपकरण दिए गए हैं, उन्हें क्रियाशील रखे। कहा कि सीडीपीओ की खराब परफार्मेंस होने पर विकास खंडवार सूची बनाकर प्रस्तुत करें, जिससे उनके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जा सके। आशा आंगनबाडी कार्यकत्री आपस में समन्वय बनाकर महिलाओं को जागरुक करके उन्हें स्वस्थ्य लाभ और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दे। उन्होंने कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार देकर कुपोषण मुक्त जिला बनाए जाने के निर्देश दिए।
हर गर्भवती महिला के खानपान पर विशेष ध्यान देने एवं बच्चा पैदा होने पर उसका वजन कराने का निर्देश दिया गया। आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को हरी साग सब्जी अधिक मात्रा में खाने के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र विकसित करने, निर्माणाधीन आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की प्रगति, मैम चिंहित बच्चों के पोषण श्रेणी में सुधार एवं उनकी स्वास्थ्य जांच एवं प्रबंधन, राष्ट्रीय पोषण माह के क्रियांवयन, पोषण ट्रैकर ऐप पर लाभार्थियों के आधार सत्यापन, आंगनबाड़ी केंद्रों की जिओ टैगिंग एवं आंगनबाड़ी केंद्रों पर अनुपूरक पुष्टाहार ड्राई राशन के वितरण आदि की बिंदुवार समीक्षा की गयी। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में कोई भी आंगनबाड़ी केन्द्र बंद नहीं होना चाहिये, यदि केंद्र बंद पाया मिला, तो संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय रोकते हुए सीडीपीओ के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी, सीएचसी-पीएचसी के चिकित्साधिकारीगण खण्ड विकास अधिकारीगण, सीडीपीओगण सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपास्थित रहे।