मातृ शिशु विंग में चिकित्सकों की लापरवाही से बच्चे की मौत, अब जांच कराने का 'नाटक'
बभनियाव निवासी रमाकांत श्रीवास्तव के बेटे की मौत
रात 1 बजे अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं थे मौजूद
रात में दर्द से तड़प-तड़प कर दे दी जान
धानापुर थाना क्षेत्र के बभनियांव निवासी रमाकांत श्रीवास्तव के बेटे इंद्रजीत को पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे जिला चिकित्सालय रेफर किया गया था। यहां रात 1 बजे डॉक्टर ही नहीं मौजूद थे। जब तक वो आते तब तक बच्चे की जान चली गई। इस घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। वहीं इस मामले में शिकायत पर CMO ने कार्रवाई की बात कही है।
मामले में धानापुर थाना क्षेत्र के बभनियाव निवासी रमाकांत श्रीवास्तव के बेटे इंद्रजीत (5 साल) की शनिवार की रात में तबीयत खराब हो गई। उसे बभनियांव सीएचसी ले गए तो वहां से उसे चिकित्सकों ने जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया गया। रात के 12 बजे के बाद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर्ची कटवाने में एक घंटे का समय लग गया और इस दौरान बच्चा दर्द से तड़पता रहा।
बच्चे की मौत के बाद बच्चे के पिता रमाकांत ने बताया कि बेटा दर्द से कराह रहा था और वार्ड ब्वॉय बस यही कहता रहा कि बस डॉक्टर आते ही होंगे। ऐसे करते- करते एक घंटे बीत गए और तब तक बेटा खामोश हो गया। डॉक्टर आए पर तब तक बेटे की जान जा चुकी थी। चिकित्सक की अनुपस्थिति में 2 घंटे तक इंतजार करने के बाद कोई चिकित्सक उसके बेटे का इलाज करने नहीं पहुंचा।
बताया जा रहा है कि इकलौते बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। आरोप है कि बच्चे का समय से सही इलाज नहीं हो सका, जिससे इंद्रजीत की मौत हो गई।
बच्चे की मौत के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. यूके राय ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी के लिए चिकित्सकों की तैनाती कि गई है। चिकित्सकों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं है। जांच के बाद ऐसे चिकित्सकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कि जाएगी।