सेल टैक्स विभाग की टीम की चेकिंग देख डीसीएम को ट्रेलर ने मारी टक्कर, ट्रेलर समेत ड्राइवर हुआ फरार
 

इस संबंध में डीसीएम ड्राइवर चंद्रकांत ने बताया कि सेल टैक्स द्वारा मेरे गाड़ी को रोककर बीच में पेपर चेक किया जा रहा था। तभी तभी तेज रफ्तार का ट्रेलर विधाता मारते हुए फरार हो गया और सेल टैक्स की टीम उसके उसे पकड़ने के नाम पर मौके से फरार हो गई।
 

डीसीएम ड्राइवर ने सेल टैक्स विभाग पर लगाया आरोप

हादसा के लिए चेकिंग कर रहे अधिकारी हैं जिम्मेदार

बीच सड़क पर गाड़ी पकड़ कर करते हैं चेकिंग 



चंदौली सदर कोतवाली क्षेत्र के लीलापुर गांव के समीप नेशनल हाईवे पर सेल टैक्स विभाग की टीम द्वारा  बीचो-बीच डीसीएम रोककर चेकिंग किए जाने के दौरान हुए सड़क दुर्घटना के बाद वाणिज्य कर अधिकारी समेत सारी टीम मौके से  फरार हो गए।
मौके पर सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त  डीसीएम ड्राइवर गाड़ी लेकर रहा परेशान था। मौके पर उसकी मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा।

बता दें कि नित्य की भांति सेल टैक्स विभाग द्वारा आज भी दोपहर  के बाद नेशनल हाईवे 2 पर लीलापुर ओवर ब्रिज के पास चेकिंग की जा रही थी। जब सड़क के बीचो-बीच डीसीएम रोककर उसके कागजात लेकर चेकिंग की जा रही थी, तभी पीछे से तेज रफ्तार से आ रहा  ट्रेलर डीसीएम को धक्का मारते हुए आगे निकल गया ।
गनीमत यही थी कि डीसीएम ड्राइवर उस समय सेल टेक्स टीम के साथ कागज चेक करा रहा था नहीं तो डीसीएम के साथ ही ड्राइवर के भी  परखच्चे उड़ जाते।


जैसे ही इस हादसे का नजारा सेल टैक्स विभाग की टीम  ने देखा तो  कागज देकर मौके से टीम फरार हो गई।  सेल टैक्स विभाग की टीम ने डीसीएम के ड्राइवर से कहा कि टेलर को पकड़ने जा रहा हूं। वही ड्राइवर सेल टैक्स विभाग की टीम का इंतजार करता रहा, लेकिन  इंतजार के बाद सेल टैक्स विभाग की टीम वापस नहीं आई ।

इस संबंध में डीसीएम ड्राइवर चंद्रकांत ने बताया कि सेल टैक्स द्वारा मेरे गाड़ी को रोककर बीच में पेपर चेक किया जा रहा था। तभी तभी तेज रफ्तार का ट्रेलर विधाता मारते हुए फरार हो गया और सेल टैक्स की टीम उसके उसे पकड़ने के नाम पर मौके से फरार हो गई। इस दौरान डीसीएम ड्राइवर इंतजार ही करता रहा, लेकिन सेल टैक्स विभाग की टीम वापस नहीं आई।


आपको बता दें कि सेल टैक्स विभाग द्वारा ऐसे ही लापरवाही पूर्ण कार्य कर नेशनल हाईवे पर बड़े हादसे को दावत देने का काम करती रहती है और जिला प्रशासन के अधिकारी इन पर कोई लगाम नहीं लगा पाते हैं।  इस तरह की ख़तरनाक चेकिंग से कुछ सबक लेकर अपने चेकिंग अभियान में कोई बदलाव करती हैं या इसी तरह घटानाओ को नजरअंदाज कर गाड़ी वालों की जान से खेलते रहते हैं।

अब जिलाधिकारी को इस तरह के मामलों का संज्ञान लेना चाहिए और मनमाने अफसरों की चेकिंग की स्टाइल बदलने को कहना चाहिए।