काफी गुस्से में विधायक व सांसद को खोज रहे हैं बजहां साधन समिति से जुड़े लोग, खुलवा दें धान खरीद केन्द्र

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show एक तरफ जहां समूचे देश में किसान बिल को लेकर किसानों का आंदोलन सत्रहवें दिन भी जारी रहा। वहीं जनपद में धान की सरकारी खरीद को लेकर चंदौली का किसान आक्रोशित हैं। धीमी गति से शुरु हुई धान की खरीद किसानों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही है। नेता व जनप्रतिनिधि सरकारी क्रय केंद्रों
 

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एक तरफ जहां समूचे देश में किसान बिल को लेकर किसानों का आंदोलन सत्रहवें दिन भी जारी रहा। वहीं जनपद में धान की सरकारी खरीद को लेकर चंदौली का किसान आक्रोशित हैं। धीमी गति से शुरु हुई धान की खरीद किसानों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही है। नेता व जनप्रतिनिधि सरकारी क्रय केंद्रों का फीता काटकर उद्घाटन करके वाहवाही लूटने में लगे हैं। लेकिन कहानी वही है, धान खरीद के नाम पर चंदौली सहित समूचे क्षेत्र में सिर्फ धोखाधड़ी हो रही है।

चंदौली सदर ब्लाक के न्यायपंचायत बनौली कलां से जुड़े दर्जनों गांवों के किसानों का कोई पुरसाहाल नहीं है। इस न्याय पंचायत से जुड़े बजहां,अकोढ़ा,सलेमपुर,धनेजा सहित कई ऐसे गांव हैं, जहां के किसान अपना धान बेचने के लिये दर दर भटक रहे हैं।

इस साल बजहां साधन सहकारी समिति को खरीद केंद्र नही बनाया गया। दिघवट राईस मिल के समीप खरीद केंद्र बना था, लेकिन वह भी बंद हो गया।

उधर नेताओं व जनप्रतिनिधियों को तो इसकी चिंता भी नही है कि इन गांवों के किसानों की खरीद होगी या नहीं। यह बात दिगर कि बजहां, अकोढ़ा व सलेमपुर गांव के किसान व जनता बंधुआ मजदूर की तरह भाजपा के विधायक व सांसद पद के उम्मीदवारों के पक्ष में शत् प्रतिशत मतदान करती है। चुनाव जीतने पर सांसद व विधायक यह कहने से भी नहीं थकते कि इन गांवों के लोगों उनका भरपूर साथ दिया।

लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या ये जनप्रतिनिधि इन गांवों के लोगों के लिये प्रतिबद्ध हैं। देखने में तो ऐसा नही लगता। यदि ऐसा होता बजहां सहकारी समिति पर खरीद केंद्र भी खुल जाता। धान की खरीद का मुद्दा किसानों की गाढ़ी कमाई से जुड़ा है। लेकिन जनप्रतिनिधि हैं कि सिर्फ बयानबाजी में जुटे हुए हैं।