केवल बच्चों की होगी छुट्टी, मास्टर साहब जाएंगे स्कूल, यही है DIOS का नया आदेश

नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी बोर्डों के सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और बढ़ती हुई शीतलहरी और लगातार गिर रहे तापमान के कारण जिले के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी बच्चे नहीं आएंगे, लेकिन स्कूलों के अध्यापकों के लिए यह अवकाश नहीं होगा।
 
अधिकारियों के आदेश से अध्यापकों में आक्रोश, जाड़े में पढ़ना और पढ़ाना दोनों मुश्किल

चंदौली के जिलाधिकारी के आदेश के बाद कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी बोर्डों के सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और बढ़ती हुई शीतलहरी और लगातार गिर रहे तापमान के कारण जिले के समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी बच्चे नहीं आएंगे, लेकिन स्कूलों के अध्यापकों के लिए यह अवकाश नहीं होगा।

 चंदौली समाचार से बातचीत करते हुए चंदौली जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. विजय प्रताप सिंह ने कहा है कि जिलाधिकारी का आदेश केवल स्कूल के छात्र छात्राओं के लिए है। अध्यापकों के लिए कोई अवकाश नहीं है। उन्हें कार्य दिवस पर आकर स्कूल से संबंधित कार्यों को करना है।

 आपको बता दें कि जिलाधिकारी के आदेश में इस बात का निर्देश है कि शीतलहर के कारण स्कूल कालेज भले बंद रहेंगे, लेकिन इस अवधि में यदि कोई विद्यालय ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करता है तो इसके लिए वह स्वतंत्र रहेंगे, ताकि छात्र छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो।

इतना ही नहीं बेसिक शिक्षा विभाग के शीतकालीन अवकाश में भी विद्यालय के आवश्यक कार्यों के लिए विद्यालयों में आना अनिवार्य है।

आपको याद होगा कि  23 और 24 दिसंबर को जब चंदौली जनपद के जिलाधिकारी ने शीतलहरी का प्रकोप देखते हुए स्कूल कॉलेजों को बंद किया था, उस दौरान अध्यापकों के लिए घर पर रहने का आदेश था। तो उससे अधिक शीतलहरी में साहब को यह बाद कैसे भूल गयी।

शिक्षकों का कहना है कि शीतलहरी और ठंड केवल बच्चों को ही लगती है। शिक्षक ठंड और कोहरे से प्रभावित नहीं होंगे। अगर बच्चे नहीं आएंगे तो शिक्षक स्कूल में क्या करेंगे। अगर ऑनलाइन पढ़ाई करनी है तो वह कार्य शिक्षक घर से भी कर सकता है। ऐसे में अधिकारियों को अपने आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए।