जौनपुर से आ रहे हैं देवेंद्र कुमार सिंह, बनाए गए हैं चंदौली के नए डीआईओएस

समारोह के दौरान वक्ताओं ने दलसिंगार यादव को माल्यार्पण कर उनके कार्यकाल की सराहना की और उनके सरल व्यवहार, ईमानदारी तथा शिक्षकों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण की खुलकर प्रशंसा की।
 

जिला विद्यालय निरीक्षक दलसिंगार यादव का हुआ स्थानांतरण

विदाई समारोह में छलकीं भावनाएं

दलसिंगार यादव बोले- चंदौली को कभी नहीं भूल सकूंगा

चंदौली जिले के शिक्षा जगत में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव हुआ है। चंदौली के जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) दलसिंगार यादव का स्थानांतरण हो गया है और उनकी जगह अब जौनपुर के सह जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र कुमार सिंह को चंदौली का नया प्रभारी डीआईओएस नियुक्त किया गया है।

इस खबर के बाद सोमवार को राजकीय आईटीआई चंदौली के सभागार में एक भावुक विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के शिक्षक संगठनों और विद्यालयों से जुड़े कई प्रमुख लोगों ने भाग लिया।

समारोह के दौरान वक्ताओं ने दलसिंगार यादव को माल्यार्पण कर उनके कार्यकाल की सराहना की और उनके सरल व्यवहार, ईमानदारी तथा शिक्षकों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण की खुलकर प्रशंसा की। वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी की भूमिका निभाई, बल्कि शिक्षक समुदाय के हित में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए। उनके कार्यकाल में जिले के शिक्षा स्तर में सकारात्मक सुधार देखे गए।

विदाई समारोह में मौजूद शिक्षकों और गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए दलसिंगार यादव भावुक हो उठे। उन्होंने कहा, “चंदौली के लोगों ने जो स्नेह और सम्मान मुझे दिया है, वह मेरे जीवन की सबसे अमूल्य पूंजी है। यहां की मिट्टी, यहां के शिक्षक, यहां के छात्र—सब मेरे हृदय में बसते हैं। मैं चंदौली को कभी नहीं भूल सकूंगा।”

कार्यक्रम में इंद्रजीत शर्मा, राजेश योगी, बृजेश बिंद, सुनील प्रजापति, अजीत श्रीवास्तव, मयंक मोहन यादव, चंद्रजीत यादव और राजकुमार शर्मा सहित जिले के अनेक शिक्षाविद और अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने दलसिंगार यादव को उनके नए पदस्थापन पर शुभकामनाएं दीं और आशा जताई कि वे वहां भी अपनी सेवाओं से शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करेंगे।

इस बीच, चंदौली में नए प्रभारी डीआईओएस के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे देवेंद्र कुमार सिंह से शिक्षक समुदाय को उनसे भी काफी अपेक्षाएं हैं। वे भी शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और कार्यकुशलता के लिए जाने जाते हैं। अब देखना होगा कि यह परिवर्तन जिले की शैक्षिक प्रगति में किस तरह की भूमिका निभाता है।