धान खरीद ही नहीं स्कूल के खोलने व बंद करने में कंफ्यूज है योगी सरकार व उनके अफसर, अब आया यह नया आदेश

बच्चों के स्कूल खोलने और बंद करने के आदेश को लेकर ऐसा लगता है कि कंफ्यूज है या तो ऊपर से आदेश निर्देश सही तरीके से नहीं आ रहे हैं या फिर जिला प्रशासन अपने स्तर से कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रहा है।
 
अब स्कूलों को बंद करने का आ गया नया आदेश, अब साहब ने कर दी है 16 जनवरी तक की छुट्टी, जानिए किसका आया था लेटर
 

चंदौली जिले का जिला प्रशासन बच्चों के स्कूल खोलने और बंद करने के आदेश को लेकर ऐसा लगता है कि कंफ्यूज है या तो ऊपर से आदेश निर्देश सही तरीके से नहीं आ रहे हैं या फिर जिला प्रशासन अपने स्तर से कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रहा है।

आपको बता दें कि मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन गृह (गोपन) अनुभाग 3 के शासनादेश के अनुसार कक्षा 10 तक के सभी शिक्षण संस्थानों को 6 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसलिए जिलाधिकारी ने 4 जनवरी को जारी अपने आदेश में एक बार फिर से संशोधन किया है और नया आदेश जारी करते हुए कहा है कि चंदौली जिले के कक्षा 10 तक के सभी विद्यालय 6 जनवरी से 16 जनवरी 2022 तक बंद रखे जाएंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इसे न मानने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि चंदौली जिले के जिलाधिकारी के द्वारा पिछले 3 दिनों में 3 तरह के आदेश जारी किए गए हैं। एक बार स्कूल बंद करने के आदेश होता है। दूसरी बार उसमें संशोधन होता है। तीसरी बार एक नए आदेश के जरिए कक्षा 10 तक के सारे विद्यालय 16 जनवरी तक के लिए बंद कर दिए जाते हैं। बार-बार बदल रहे आदेशों और निर्देशों की वजह से एक ओर स्कूल प्रबंधन और स्कूल के अध्यापक परेशान हो रहे हैं। तो वहीं परिजनों को भी इस बात को लेकर काफी परेशानी हो रही है कि वह बच्चों को स्कूल भेजने के लिए साधन की व्यवस्था करें या न करें। जिलाधिकारी महोदय कब स्कूल खोलने और कब स्कूल बंद करने का आदेश दे देंगे.. इसका कोई ठिकाना नहीं है।

 स्कूल जाने वाले बच्चों के परिजनों का कहना है कि बहुत सारे बच्चे दूरदराज के इलाकों से स्कूल जाते हैं। उन्हें निजी साधनों या अन्य तरीके से स्कूल भेजा जाता है। अगर जिलाधिकारी कोई एक ऐसा निर्देश जारी करेंगे तो हम लोगों को परेशानी नहीं होगी। बार-बार आदेश बदलने से हम लोगों को वाहन चालकों और स्कूल बस वालों से बात करके बच्चों को स्कूल भेजने या न भेजने के लिए बार बार बात करनी होती है। डीएम साहब को एक आखिरी आदेश जारी करना चाहिए, ताकि बीच में फिर उसे संशोधन ना करना पड़े।