जिलाधिकारी ने खायी फाइलेरिया की दवा, IDA अभियान का किया शुभारंभ
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदौली से हुआ ट्रिपल ड्रग थेरेपी ‘आईडीए’ का शुभारंभ
संक्रामक रोग है फाइलेरिया
बचाव के लिए दवा खाएं व बीमारी से सुरक्षित रहें
चंदौली जिले में राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रिपल ड्रग थेरेपी ‘आईडीए’ (आइवर्मेक्टिन, डीईसी व एल्बेण्डाज़ोल) अभियान का शुभारंभ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदौली से किया गया।
इस दौरान सर्वप्रथम जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने स्वयं फाइलेरिया से बचाव की दवा खाकर अभियान का शुभारंभ किया। इसके साथ ही सीएमओ डॉ युगल किशोर राय, बीडीओ रूबेन शर्मा, डीपीआरओ नीरज सिन्हा, एसीएमओ व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ हीरालाल सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने भी दवा का सेवन किया। तत्पश्चात कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय व चिकित्सा संस्थान के बच्चों को जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के द्वारा फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन कराया गया।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने समस्त लोगों को वर्ष 2027 तक फाइलेरिया मुक्त जनपद बनाने के लिए शपथ दिलाई। साथ ही जन जागरूकता रैली को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह अभियान दो सितंबर तक चलेगा, जिसमें स्वास्थ्य घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा अपने समक्ष खिलाएंगे। जनमानस से अपील की कि वह स्वास्थ्य टीम का सहयोग करें और उनके सामने ही दवा का सेवन करें। यह दवा पूरी तरह से सुरक्षित है। इस दवा के सेवन से ही फाइलेरिया जैसी गंभीर व संक्रामक बीमारी से पूरी तरह सुरक्षित रह सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा लोग इस दवा का सेवन करें और दूसरों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। यह दवा एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खानी है। यह दवा खाली पेट भी नहीं खानी है।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया, एक प्रकार की मच्छर जनित व संक्रामक बीमारी है, जो संक्रामक मच्छर के जरिये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचरण हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि अपने घर व आसपास साफ – सफाई का बेहद ध्यान रखें। कहीं भी गंदगी और पानी जमा न होने दें।
इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ युगल किशोर राय ने कहा कि हमें जिले से ही नहीं बल्कि पूरे देश से फाइलेरिया रोग का उन्मूलन करना है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को साथ आना होगा। इसके लिए अभियान के दौरान घर-घर जाने वाले स्वास्थ्यकर्मी का सहयोग करने के साथ उनके सामने ही दवा का सेवन करना है, क्योंकि हाथीपांव (फाइलेरिया) हो जाने के बाद पूरे जीवन इस बीमारी के साथ ही जीना होता है। फाइलेरिया के लक्षण 5 से 15 साल में दिखाई देते हैं। इस बीमारी से हाथ - पैरों में सूजन, पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) एवं महिलाओं के स्तन में भी सूजन आ जाती है। इसलिए अभियान में शामिल होकर दवा का सेवन करें। उन्होने कहा कि आईडीए अभियान में जनपद के तहत जिले की करीब 15.67 लाख आबादी को फाइलेरिया से बचाव की दवा स्वास्थ्य टीम के सामने खिलाई जाएगी। दवा खिलाने के लिए कुल 1299 टीमें (दो सदस्यीय) गठित की गई हैं। टीमों के पर्यवेक्षण के लिए 216 सुपरवाइज़र तैनात किए गए हैं। ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता यह दवाएं उम्र और ऊंचाई के अनुसार अपने समक्ष दवा खिलाएँगे।
सीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया, क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से फैलता है। जब यह मादा मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटती है तो वह संक्रमित हो जाती है। फिर वही मादा मच्छर किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को काटकर उसको संक्रमित कर देती है। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इसकी जांच भी रात्रि के समय होती है, क्योंकि इसके परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम और बचाव ही इसका समाधान है।
इस मौके पर बीडीओ रूबेन शर्मा, डीपीआरओ नीरज सिन्हा, एसीएमओ व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ हीरालाल सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी पीके शुक्ला, प्रभारी चिकित्साधिकारी सदर पी पी उपाध्याय, सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह, आरबीएसके के डॉ श्रीमन पाठक, डबल्यूएचओ से डॉ मंजीत सिंह चौधरी, पीसीआई से गुलशन आरा एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
सीएमओ डॉ युगल किशोर राय ने बताया कि नौगढ़, धानापुर और बरहनी ब्लॉक में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। इस दौरान एक से 19 साल के बच्चों व किशोरों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई। इस ब्लॉक के जो बच्चे दवा खाने से छूट जाएंगे, उन्हें 14 अगस्त को मॉपअप राउंड में दवा खिलाई जाएगी।