अति प्राचीन दुर्गा मंदिर पर उमड़ी भक्तों की भीड़, कल्यानपुर के देवी मंदिर में 9 दिनों तक होती है पूजा
 

मंदिर में भक्तों द्वारा मां के अलौकिक रूप के दर्शन करने के बाद उनका पूजा अर्चन करने का काम किया गया। वहीं महिलाओं द्वारा मंदिर परिसर में बैठकर देवी गीत भी गाने का सिलसिला भी काफी देर तक चला।
 

दिनभर लगी रहती है मां दुर्गा के दर्शन के लिए भीड़

दिन में मंदिर में बैठकर भक्त करते हैं देवी का पाठ

9 दिनों तक चलता है पूजन व हवन का कार्यक्रम

चंदौली जिले के सैयदराजा थाना क्षेत्र के कल्याणपुर ग्राम सभा के छत्रपुरा ग्राम में स्थित अति प्राचीन दुर्गा मंदिर पर चैत्र नवरात्रि के पहले दिन दर्शन पूजन के लिए आसपास की माता बहनों की भीड़ उमड़ती है। इस दौरान भक्तगणों द्वारा मां के दर्शन करने का सिलसिला दिन भर चलता रहता है। देवी मां की पूजा अर्चना से मंदिर परिसर  के साथ आस पास का क्षेत्र भक्ति में भाव विभोर होता दिखायी दे रहा है।

यह अति प्राचीन दुर्गा मंदिर लगभग 100 साल से अधिक पुराना है। इस मंदिर में क्षेत्र के आसपास के लोगों की गंभीर आस्था है। इस मंदिर पर दोनों नवरात्रि में प्राचीन काल से ही पूजा अर्चना  करने की परंपरा चली आई है। नव दिनों तक यहां देवी का पाठ व पूजा चलती रहती है।

मंदिर के पुजारी राधे तिवारी ने बताया  कि इस मंदिर में आसपास के 56 गांव के लोगों का अंश दान के बाद इस मंदिर का निर्माण किया गया है। यह एक अति प्राचीन मंदिर है। यहां नवरात्रि के समय आसपास के कई गांवों के भक्तों द्वारा पूजा  की जाती है। इसी क्रम में आज मंगलवार की भोर से ही दुर्गा मंदिर पर माताओ बहनों के साथ-साथ भक्तजनों की भीड़ देखने को मिल रही है।
 
मंदिर में भक्तों द्वारा मां के अलौकिक रूप के दर्शन करने के बाद उनका पूजा अर्चन करने का काम किया गया। वहीं महिलाओं द्वारा मंदिर परिसर में बैठकर देवी गीत भी गाने का सिलसिला भी काफी देर तक चला। हर दिन मंदिर प्रांगण पूर्ण रूप से भक्ति भाव में डूबा रहेगा। मां की उपासना करने और पहले दिन  शैलपुत्री के पूजा अर्चन के साथ-साथ मां दुर्गा के प्रथम रूप को प्रसन्न करने के लिए उनके इस मंत्र " ॐ ऐं ह्लीं क्लीं चामुंडाय विच्चे, ॐ शैलपुत्री देवी नमः का जाप भी किया गया।

वहीं कुछ भक्तों द्वारा मां को प्रसन्न करने तथा अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए तरह-तरह की मान्यताएं भी मानी गयीं। कुछ लोगों द्वारा मां के प्रतिमा पर चुनरी एवं साड़ी चढ़कर अपनी मन्नत पूर्ण की गई। इस दौरान पूरे दिन मां के दर्शन के लिए भक्तगणों का मंदिर में आना जाना लगा रहा। वहीं यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर पर सप्तमी के दिन मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दीप यज्ञ का आयोजन किया जाता है। जिसमें क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने घरों से पांच-पांच दीप लाकर इस यज्ञ की आहुति में देने का काम जाता हैं। जिससे उनके क्षेत्र में आने वाली बीमारियों एवं महामारी से लोगों को बचाया जा सके।