राजस्व वसूली को लेकर काफी लापरवाह हैं चंदौली में कई जिलास्तरीय अधिकारी
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चंदौली जिले के जिलाधिकारी संजीव सिंह जिले ने अधिकारियों की कार्यशैली व सक्रियता जानने के लिए कभी ऐसे सवाल पूछ दे रहे हैं, जिसका जवाब उनके पास नहीं होता है। इससे पता चलता है कि ये अधिकारी कितने लापरवाह हैं और राजस्व वसूली के प्रति कितने सक्रिय हैं।
कहा जा रहा है कि मीटिंग में बिजली एक्सईएन से पांच बड़े बकाएदारों के नाम पूछे तो वह जवाब नहीं दे पाए। जबकि राजस्व वसूली की बैठक में पीडब्ल्यूडी एक्सईएन और एसडीएओ के अनुपस्थित रहने के चलते डीएम ने स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। वहीं वसूली में सुस्ती पर व्यापार कर अधिकारी का डीएम ने वेतन रोक दिया।
बताया जा रहा है कि कलेक्ट्रेट में राजस्व वसूली की समीक्षा के दौरान डीएम अफसरों की सुस्ती के चलते काफी नाराज दिखे ।
जिलाधिकारी ने कहा कि वित्तीय वर्ष धीरे-धीरे समाप्त होने को है, लेकिन राजस्व वसूली लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम है। ऐसे अफसर अपने दायित्वों का इमानदारी से निर्वहन करते हुए शतप्रतिशत लक्ष्य पूरा करें। उन्होने बाट-माप, श्रम विभाग, जिला पूर्ति, परिवहन विभाग में बहुत कम वसूली पर अफसरों की कार्य प्रणाली को लेकर चिंता जताई।
जिलाधिकारी ने कहा कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करें। इससे वाहनों पर रोक के साथ राजस्व वसूली में प्रगति होगी। साथ ही आरसी वसूली के नाम पर छोटे व्यापारियों को अनावश्यक परेशान करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की चेतावनी दी।
डीएम ने कहा कि 50 बड़े बकायेदारों की सूची तत्काल प्रस्तुत किया जाय तथा तहसीलदार दस बड़े बकाएदारों को चिन्हित करके वसूली करें। खनन विभाग के अफसर को ईट-भट्ठो, खनन का रायल्टी जमा कराने का निर्देश दिया। डीएम ने चकिया में नहर के किनारे कूड़ा डालने पर अफसरों को कड़ी हिदायत दी। कहा कि चिन्हित स्थल पर ही कूड़े का निस्तारण सुनिश्चित हो।
उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि पंजीकृत आरा मशीनों की सूची उपलब्ध कराये। इसके अलावा धान क्रय केंद्र, सिंचाई के लिए नहरों के संचालन की जानकारी हासिल की।
इस बैठक के दौरान एडीएम अतुल कुमार, एसडीएम प्रदीप कुमार, अजय मिश्रा, अतुल गुप्ता, एआरटीओ विजय प्रकाश सिंह, डा. दिलीप गुप्त, जितेंद्र सिंह मौजूद रहे।