दिसंबर और जनवरी से में पड़े पाले ने सब्जी की फसलों को किया बर्बाद, किसानों को सहना पड़ा ज्यादा नुकसान  

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चंदौली जिले में दिसंबर और जनवरी से में पड़े पाले ने क्षेत्र के 15 गांवों की आलू की फसल को बर्बाद कर दिया। इन गांवों में करीब तीन हजार किसानो ने आलू की खेती की थी।
 

चंदौली जिले में दिसंबर और जनवरी से में पड़े पाले ने क्षेत्र के 15 गांवों की आलू की फसल को बर्बाद कर दिया। इन गांवों में करीब तीन हजार किसानो ने आलू की खेती की थी। लेकिन अब जब फसल की कोड़ाई हो रही है तो उसे देखकर किसान काफी चिंतित हैं। किसानों का कहना है कि जिस मेढ़ से ढाई किलो आलू निकलता है वहां से मात्र आधा किलो आलू निकल रहा है। यानि पाले से पांच गुना उपज बर्बाद हुई है। इससे फायदा तो दूर बीज के भी पैसे नहीं निकल पाएंगे।


आपको बता दे कि क्षेत्र के हरिशंकरपुर, मलोखर, कुंडा, भैसौड़ी, मुहम्मदपुर, करवत, सीतापुर, नीबूपूर, सैदपुरा, भूजहुंवा, पुरैनी, बगही, महाबलपुर, खजूरगांव, हृदयपुर आदि गांवों के किसानों का कहना है कि आलू, मटर, टमाटर, गोभी और सरसों समेत कई फसलें कोहरे के कारण बर्बाद हो रही हैं। ठंड के कारण कई फसलों की ग्रोथ काफी कम हो गई है। पाला गिरने से आलू की खेती करने वाले किसान ज्यादा परेशान हैं क्योंकि अधिकांश पौधे पाले से जलकर नष्ट हो चुके हैं। 


किसानों का कहना है कि ऐसे में आलू की खोदाई करने पर एक दर में ढाई किलो आलू निकलना चाहिए लेकिन अभी मात्र 500 ग्राम आलू ही निकल रहा है। इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही पहले बेमौसम बारिश और अब पाले की मार ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसानों की माने तो अब खेती में फायदा नहीं रह गया। मौसम की मार किसानों के सामने हर वर्ष आर्थिक संकट खड़ा कर देती है। किसानों ने बताया कि फसलें बर्बाद होने से अब बीज की लागत भी नहीं निकल पाएगी।


 क्षेत्र में आधे से ज्यादा आबादी सब्जियों की खेती पर निर्भर है। ऐसे में फसल खराब होने के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता दिखाई दे रही है। सब्जियो की खेती खराब होने के बाद मंडियों में इनके दाम बढ़ सकते हैं। किसानों ने जिला प्रशासन से प्रभावित हो रही फसलों को बचाने के लिए सहयोग की मांग की है।


कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी एसपी सिंह ने कहा कि ठंठ और पाले से जिले में आलू, टमाटर, बैगन सहित कई सब्जियों का 70 प्रतिशत नुकसान हुआ है। जिससे किसान बहुत परेशान है और किसानों को ज्यादा नुकसान सहना पड़ा है।