चंदौली समाचार की खबर का असर : सालों बाद आज फिर से सरेसर की रैक पर उतरी खाद

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चन्दौली जिले को कृषि प्रधान जनपद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में धान का कटोरा कहा जाता है। बिहार बार्डर का अंतिम सीमावर्ती जनपद है।जनपद के विकास का मुख्य आधार कृषि ही है। ऐसे में जनपद के किसानों को खाद की समस्या से जूझना पड़ रहा था। चंदौली समचार की खबर के बाद नेता व अफसर
 

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चन्दौली जिले को कृषि प्रधान जनपद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में धान का कटोरा कहा जाता है। बिहार बार्डर का अंतिम सीमावर्ती जनपद है।
जनपद के विकास का मुख्य आधार कृषि ही है। ऐसे में जनपद के किसानों को खाद की समस्या से जूझना पड़ रहा था। चंदौली समचार की खबर के बाद नेता व अफसर जागे हैं। जिससे चंदौली जिले में खाद की रैक एकबार फिर से आयी है।

चंदौली जिले में खेती के दौरान समय पर और समुचित मात्रा में खाद की उपलब्धता एक चुनौती थी, जिसे अपने सांसद एवम केंद्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय तथा विधायक मुगलसराय साधना सिंह ने सहर्ष स्वीकार करते हुए एक बार फिर से जोर लगाया गया, जिसके कारण सरेसर में खाद का रैक आ ही गई।

बताया जा रहा है कि सरेसर में 1333 मीट्रिक टन इफको यूरिया खाद की रैक लगवाने में अफसर व नेता सफल रहे। साथ ही यह भी प्रयास है कि 24 घण्टे के अंदर उक्त सम्पूर्ण खाद जनपद के समस्त इफको केंद्रों एवम सहकारी समितियों पर किसानों हेतु उपलब्ध हो जाये ताकि बिना किसी परेशानी के किसान अपने फसलों में खाद का छिड़काव कर सकें, जिससे कृषि उत्पादकता प्रभावित ना हो।