एक महीने में 27 दिन फुल रहे संयुक्त जिला अस्पताल के बेड
वार्ड के बाहर लगा दिया नो बेड का नोटिस
सौ बेड के अस्पताल में लगातार बढ़ रहे मरीज
सात साल से नहीं बढ़ाए गए बेड
चंदौली जिले में पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल में बेड फुल होने से परेशानी बढ़ गई है। सौ बेड के अस्पताल में रोज करीब 50 मरीज भर्ती होते हैं। वहीं, 10 से 12 गंभीर मरीजों को बाहर रेफर करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि यह स्थित एक दो दिन से नहीं है बल्कि महीने भर से बनी हुई है। इस महीने में 27 दिन अस्पताल के सारे बेड फुल रहे। पिछले सात वर्षों से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन अस्पताल में वेड नहीं बढ़ाए गए।
बताते चलें कि जनपद के चंदौली और चकिया में दो जिला संयुक्त अस्पताल हैं। हाईवे किनारे होने की वजह से चंदौली स्थित जिला अस्पताल में मरीजों का भारी दबाव है। यहां रोज 1300 से ज्यादा मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। वहीं, इमरजेंसी में 70 से 80 मरीज आते हैं। 100 बेड के अस्पताल में रोज करीब 50 मरीज भर्ती होते हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि एक महीने में 27 दिन अस्पताल के बेड फुल रहे।
सोमवार को भी यही स्थिति रही। जिसकी वजह से 9 मरीजों को वाराणसी के लिए रेफर कर दिया गया। सामान्य स्थिति में रोज 50 मरीज भर्ती किए जाते हैं, लेकिन बेड फुल होने की वजह से सोमवार को 10-12 मरीज ही भर्ती किए गए। इस समय अस्पताल में सिर्फ गंभीर मरीज ही भर्ती किए जा रहे हैं। सामान्य मरीजों को इमरजेंसी से ही रेफर कर दिया जा रहा है।
इसमें ज्यादातर मरीज डायरिया, पेट दर्द, गैस्ट्रो और बुखार आदि के गंभीर मरीजों को भर्ती करना चिकित्सकों के लिए चुनौती बन गई है, क्योंकि कोई बेड खाली न होने के कारण डॉक्टर और कर्मचारी भी परेशान हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में 22 अगस्त को मरीज भर्ती को लेकर वार्ड इंचार्ज और इमरजेंसी डॉक्टर आमने-सामने आ गए थे। इमरजेंसी के डॉक्टर ने वार्ड के बाहर बेड न होने की सूचना चस्पा कर दी थी। इस पर वार्ड इंचार्ज ने नाराजगी जताई तो सूचना को तत्काल हटा दिया गया था। वहीं, सीएमएस ने इमरजेंसी के डॉक्टर और वार्ड इंचार्ज को फटकार लगाते हुए चेतावनी भी दी थी।
इस संबंध में पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में बेड फुल होने पर पुराने मरीजों को डिस्चार्ज कर नए मरीज भर्ती किया जा रहे हैं।