ठंड की वजह से जिले में हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी
ठंड का असर मरीजों पर
जिले में हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के मरीज बढ़े
रेफर कर दिये जाते हैं मरीज
चंदौली जिले में मौसम परिवर्तन और ठंड की वजह से जिले में हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। लेकिन जिले में इसके लिए कोई स्पेशलाइज्ड सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिला अस्पताल के डॉक्टर मजबूरी में मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।
आपको बता दें कि मुख्यालय स्थित जिला अस्पताल के इमरजेंसी में रोजाना 8-10 ब्रेन स्ट्रोक के मरीज आ रहे हैं। एक महीने में इनकी संख्या 300 के भी पार है। स्थिति भयावह होने के बाद आलम यह है कि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से ऐसे मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद वाराणसी के लिए रेफर कर दिया जाता है।
ऐसे में जिला अस्पताल के आंकड़े पर गौर करें तो एक महीने में लगभग तीन सौ से अधिक मरीज इन दिनों इमरजेंसी में आ रहे हैं। इससे मरीजों और उनके तीमारदारों को भारी परेशानी होती है। यहीं नहीं लोगों को आर्थिक क्षति भी हो रही है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि इस वर्ष ठंड में वृद्धि हुई है। हमारा शरीर मौसम में आए बदलाव के साथ बहुत धीमी गति से सामंजस्य बिठाता है, जबकि तापमान का प्रभाव शरीर की कार्यप्रणाली पर तेजी से पड़ता है। तापमान में कमी के कारण रक्त गाढ़ा हो जाता है और शरीर के अंगों की सक्रियता प्रभावित होती है। जिससे हार्ट व मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता है। आक्सीजन व रक्त के प्रवाह में बाधा आने से रक्त का थक्का बनता है। हाई ब्लडप्रेशर से मस्तिष्क की धमनियां फट जाती हैं, इससे दिमाग में रक्त स्राव होता है। इसमें रोगी को लकवा मार सकता है और कई बार समय पर उपचार न मिलने पर जीवन पर भी खतरा आ सकता है।