चंदौली का हाल : होम आइसोलेशन भी फायदेमंद है, बस कुछ बातों का रखना होता है ध्यान

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में प्रतिदिन कोविड-19 के बढ़ते मामले के साथ ही बड़ी संख्या मे बिना लक्षण के मामले ज्यादा सामने आने से सरकार द्वारा होम आइसोलेशन के दिशा निर्देश जारी किए गए थे जो वर्तमान में कारगर साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की हैं और निर्देशित किया है कि
 

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चंदौली जिले में प्रतिदिन कोविड-19 के बढ़ते मामले के साथ ही बड़ी संख्या मे बिना लक्षण के मामले ज्यादा सामने आने से सरकार द्वारा होम आइसोलेशन के दिशा निर्देश जारी किए गए थे जो वर्तमान में कारगर साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की हैं और निर्देशित किया है कि अस्पताल की जगह होम आइसोलेशन में 17 दिनों तक एक लिखित पत्र के साथ डॉक्टर के परामर्श पर रह सकते है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके मिश्रा ने दी।

सीएमओ ने कहा कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के मुताबित हल्के लक्षण वाले लोगों व जिन को पहले से कोई दूसरी बीमारी नहीं है, उनको होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाती हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी / जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ नीलम ओझा ने बताया कि रोजमर्रा के कार्यस्थल से बड़ी संख्या में कोविड के मामले सामने आ रहे हैं जिनमें पहले अन्य कोई बीमारी के लक्षण नहीं है, उनको ही होम आइसोलेशन की सुविधा दी जा रही है। साथ ही वही लोग होम आइसोलेशन में रह सकते है जिनके घरों मे कम से कम दो शौचालय हो साथ ही घर के अन्य लोगो से अलग रहने की सुविधा उपलब्ध हो। एक मेडिकल किट का होना बहुत जरूरी है।

डॉक्टर के संपर्क में रहना, मरीज के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड होना चाहिए और साथ ही मरीज को दिन में दो बार अपनी पूरी स्वास्थ्य की जानकारी अपडेट भी करनी होती है। उन्होने बताया कि जनपद में होम आइसोलेशन में लगभग 495 उपचाराधीनों में से 290 ठीक हो चुके हैं और 205 वर्तमान में होम आइसोलेशन में हैं। जनपद में अब तक लगभग 1424 उपचाराधीन अस्पताल से ठीक होकर घर जा चुके हैं और वर्तमान में 60 अस्पताल में एक्टिव हैं।

डॉ ओझा ने बताया कि होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल के लिए एक शख्स 24 घंटे मौजूद होना चाहिए जो 17 दिनों तक लगातार अस्पताल के संम्पर्क में रहे। बुखार व अन्य लक्षण न होने पर होम आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है। अंत में दोबारा टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। जो लोग उपचाराधीन की देख-रेख करेंगे उनके लिए भी दिशा निर्देश दिये गए हैं जैसे मास्क लगाकर ही मरीज के पास जाना, हाथों को बार-बार साबुन से साफ करते रहना, पर्याप्त दूरी बना कर ही बात करें, एक मास्क का प्रयोग बार-बार न करें और ग्लव्स का प्रयोग जरूर करें।

यह कहना है उपचाराधीनों का

होम आइसोलेशन में रहे उपचाराधीनों में से चकिया निवासी रामनाथ (32) ने बताया कि 2 सितंबर को जांच के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी लेकिन दो दिन बाद फिर से जाँच करानी पड़ी और इसके बाद घर पर ही आइसोलेट हो गए। दो दिन बाद उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। इसके बाद से घर में सभी से अलग एक कमरे में हैं।

बरौझी निवासी दिशा सिंह (28) ने बताया कि 28 अगस्त को जाँच हुई, उस दौरान न तो उन्हें ख़ासी थी और न ही बुखार कोई लक्षण नहीं था। लेकिन जाँच में वह पॉज़िटिव आईं। लेकिन जब उन्हें पता चला कि होम आइसोलेशन में रहना है तो डर नहीं लगा। घर में रहने से जल्दी ठीक हो गई।

चकिया निवासी आनंद वर्धन (30) ने बताया कि 5 सितंबर को जाँच हुई और रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। अजीब सा लगा कि किसी तरह के कोई लक्षण न होने पर भी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। लेकिन उन्होने कहा कि होम आइसोलेशन बहुत ही अच्छा उपाय है। घर पर बेहतर तरीके से अपने ऊपर ध्यान दे सकते हैं। वह प्रतिदिन फोन कर अपने स्वास्थ्य की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देते हैं। 17 दिन का होम आइसोलेशन पूरा करने के बाद वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।