पीत पत्रकारिता से बचने की सलाह दे रहे हैं जेथिन बी.राज, अखबार के 10वें स्थापना दिवस समारोह में बोले रेल अफसर
 

मुख्य अतिथि जेथीन बी राज आयुक्त मुगलसराय रेलवे सुरक्षा बल ने कहा कि पत्रकारिता के माध्यम से सच को उजागर करने से परहेज नही करना चाहिए।
 

चंदौली में मनाया गया ज्ञानशिखा टाइम्स का स्थापना दिवस

चन्दौली कार्यालय का 10वां स्थापना दिवस

स्थापना दिवस पर संगोष्ठी का हुआ था आयोजन

चंदौली जिले में ज्ञानशिखा टाइम्स ब्यूरो कार्यालय के दसवें स्थापना दिवस समारोह में आयोजित संगोष्ठी ‘बदलते सामाजिक परिवेश में पत्रकारिता एक चुनौती’ नामक विषय को संबोधित करते हुए मुख्य रविवार को मुख्य अतिथि जेथीन बी राज आयुक्त मुगलसराय रेलवे सुरक्षा बल ने कहा कि पत्रकारिता के माध्यम से सच को उजागर करने से परहेज नही करना चाहिए। क्योंकि सच ही एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा अतीत व वर्तमान दोनों की परिकल्पना साकार होती है। दुर्भावना पूर्ण होकर पत्रकार को खबर प्रकाशित नही करनी चाहिए। अर्थात पीत पत्रकारिता से बचने की जरूरत है।

 मुख्य अतिथि ने कहा कि सामाजिक ताने बाने का ढांचा चौथे स्तंभ पर आधारित है। इसलिए आज कार्यपालिका, न्यायपालिका व विधायिका बिना चौथे स्तंभ के नही चलती है। पत्रकार को निष्पक्ष होना चाहिए। इसके पूर्व चंदौली हास्पिटल व एमडी नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज के सभागार मां सरस्वती के तैल्य पर चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा किया गया।

 


 तत्पश्चात नर्सिंग कालेज की छात्राओं ने स्वागत गीत से कार्यक्रम की शुरूआत की। वहीं लोक गायिका निर्मला पांडेय ने लोकगीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। अध्यक्षता कर रहे संस्थापक डा. राम बहादुर सिंह ने कहा कि ज्ञानशिखा टाइम्स मजदूरों, मजलूमो, गरीबों व किसानों की आवाज को प्रमुखता से प्रकाशित करता है। यही कारण है कि आज ज्ञानशिखा टाइम्स पूर्वांचल के प्रमुख समाचार पत्रों में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है।


 चंदौली कार्यालय से जुड़े सभी पत्रकारों को निर्भीकता व निडरता के साथ अपनी कलम का प्रयोग करने की बात कही। लेकिन बदले की भावना से कोई भी खबर प्रकाशित न करे। विशिष्ट अतिथि प्राचार्य प्रो. डा. सुभाष राम शहीद हीरा सिंह राजकीय पीजी कालेज धानापुर ने कहा कि आज की पत्रकारिता काफी कठिन हो गई है। ईमानदार पत्रकारों में कमी आ रही है। डिजिटल युग में फेंक न्यूज से बचने की आवश्यकता है।


 विशिष्ट अतिथि डा. सत्येन्द्र कुमार गोंड असिस्टेंट प्रो. हिन्दी विभाग बीएचयू ने कहा कि देश की आजादी में पत्रकारिता का योगदान सराहनीय रहा है। सामाजिक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए पत्रकार अपराधियों पर नकेल कसने का कार्य करता है। आज की भागभाग जिंदगी में पत्रकारों को संतुलन बनाकर पत्रकारिता करने की बात कही। विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र सिंह यादव शिक्षाविद् व निदेशक एसआरएलडी गु्रप इंस्ट्टियूशन सोनभद्र ने कहा कि पत्रकार प्रतिदिन चुनौतियों का सामना करता है। यदि विरोध में खबर लिखी गई है तो पत्रकार को धमकी भी मिलती है। लेकिन धमकी को नजरअंदाज कर अपनी बात कलम के माध्यम से समाजिक पटल पर रखता है।


 डा. बृजेश कुमार वर्मा चेयरमैन एमडी नर्सिंग एंड पैरामेडिकल कालेज चंदौली ने कहा कि सामाजिक समरसता कायम करने में पत्रकार की अहम भूमिका होती है। यही कारण है कि गरीब व असहायों की आवाज पत्रकार बनता है। आज के कार्यक्रम की जितनी तारीफ की जाए वह कम है।

 गाजीपुर के ब्यूरो चीफ धर्मेन्द्र मिश्रा ने कहा कि पत्रकार हमेशा समाज हित के बारे में ही सोचता है। यही कारण है कि समाज के लोगों के अलावा उसके पास कुछ नही होता है। अर्थात पत्रकारिता एक कठिन कार्य है। श्री मिश्रा ने ज्ञानशिखा टाइम्स के स्थापना दिवस समारोह की भूरि-भूरि सराहना की। 

 

समारोह के मुख्य वक्ता शिक्षक आलोक पांडेय ने रामायण काल, महाभारत काल व आधुनिक काल का उदाहरण देकर पत्रकारिता की विधा को बारीकी से बताया। श्री पांडेय ने कहा कि यदि चौथा स्तंभ न हो तो समाज दिग्भ्रमित हो जाए। अर्थात समाज को सही दिशा देने का कार्य पत्रकार करता है। संगोष्ठी को डा. जय कुमार सिंह, डा. सत्यनारायन सिंह सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया। 


ब्यूरो चीफ धीरेन्द्र सिंह ‘शक्ति’ ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि सहित आए हुए सभी लोगों को अंगवस्त्रम्, स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर स्वागत किया। ंसंचालन राम मनोहर तिवारी ने किया। इस मौके पर बलराम पाठक, मुन्ना ंिसह, सचिन सिंह, आनन्द पांडेय, विनीता अग्रहरि, डा. जयेश कुमार, भागवती सिंह, संदीप निगम, डा. संजय कुमार त्रिपाठी, हरवंश उपाध्याय, सोमेश सौरभ, राजीव पांडेय, डा.आनन्द बहादुर गुप्ता, संतोष गुप्ता, दिलीप कुमार सिंह,  गणेश प्रसाद गुप्ता, जेपी रावत, सत्यनारायन प्रसाद, सेनापति मौर्य, अख्तर अली, सुजीत यादव, लोकपति सिंह, अजीत जायसवाल, अम्बुज मोदनवाल, उमाशंकर मौर्य, कृष्ण मोहन गुप्ता, तनवीर अहमद, तौसीफ खां, प्रदीप सिंह, उमेश दुबे, ज्ञानचंद्र सिंह, हनुमान केशरी, राम नरायन सिंह, रमाकांत सिंह यादव, सर्वेदू दुबे, प्रियेश पांडेय, बृजेश कुमार श्रीवास्तव, दिलीप मौर्य, चंद्रभूषण चौबे, बाला जी तिवारी, सुरेन्द्र यादव, उमेश तिवारी, राजकुमार, शिव शंकर अग्रहरी पप्पू, शिव शंकर अग्रहरि बूज्जू सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।