कटेसर गांव में जलनिकासी समस्या से जूझ रहे किसान, 15 एकड़ कृषि योग्य भूमि तालाब में तब्दील

कटेसर गांव में जलनिकासी की समस्या बनी विकराल
करीब 15 एकड़ कृषि भूमि जलभराव से प्रभावित
गांव में संक्रमण और बीमारियों का बढ़ रहा खतरा
ग्रामीणों ने DM साहब से की समस्या के समाधान की मांग की
चंदौली जिले के पड़ाव क्षेत्र के कटेसर गांव में जलनिकासी की समस्या विकराल रूप ले चुकी है, जिससे करीब पंद्रह एकड़ कृषि योग्य भूमि जलभराव के कारण तालाब में तब्दील हो गई है। जलकुंभी के विस्तार से किसान अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे हैं। कृषि ना हो पाने की दशा में कृषक अपने खेतों को प्लाटरों को औने-पौने दाम में बेंच दे रहे हैं। जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
वहीं, पानी की सड़न से उठने वाली दुर्गंध के कारण आसपास के ग्रामीणों में संक्रमण व बीमारियों का खतरा लगातार बना हुआ है। समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के माध्यम से कई बार जिला प्रशासन, क्षेत्रीय विधायक व सांसद को हस्ताक्षरयुक्त पत्रक सौंप, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द जलनिकासी की समस्या का समाधान कराने की मांग की है, ताकि किसानों को उनकी कृषि भूमि वापस मिल सके और गांव में संक्रामक बीमारियों का खतरा टल सके।
यहीं नहीं वर्ष 2023 में ग्राम प्रधान द्वारा राष्ट्रीय लोक शिकायत व जांच संस्थान, लखनऊ में जलनिकासी समस्या को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसके बाद राष्ट्रीय लोक शिकायत चंदौली के प्रतिनिधि संजय यादव ने कटेसर गांव का दौरा कर जलभराव की स्थिति का निरीक्षण किया व शासन को रिपोर्ट सौंपने की बात कही। लेकिन डेढ़ वर्ष बीतने के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और न ही कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा।
इस संबंध में मुगलसराय एसडीम आलोक कुमार ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। आपके माध्यम से पता चला है। यह कार्य खंड विकास अधिकारी या जिला पंचायत निधि के अधीन है। मैं संबंधित अधिकारी से बात कर जांच करवाता हूं।