खतौनी और नक्शे का हो रहा डिजिटाइजेशन, प्रशासन के पास 185 गांवों के भू मानचित्र ही नहीं

16 साल बाद भी जिले में भू मानचित्रों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा नहीं हो पाया है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1466 गांवों का नक्शे उपलब्ध हो पाए हैं।
 

1651 गांवों में से 1466 गांवों की खतौनी और नक्शे का हुआ डिजिटाइजेशन

कई बचे गांव का जल्द किया जाएगा सर्वे

सर्वे कराने के बाद होगी डिजिटाइजेशन प्रक्रिया पूरी

चंदौली जिले में डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआईएलआरएमपी) के तहत 1651 गांवों के भू मानचित्रों और खतौनी को डिजिटल करने की योजना है। वहीं, जिले के 185 गांवों के नक्शे ही उपलब्ध नहीं हो पाए है।

आपको बता दें कि डीआईएलआरएमपी की शुरूआत 2008 में हुई थी। 16 साल बाद भी जिले में भू मानचित्रों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा नहीं हो पाया है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1466 गांवों का नक्शे उपलब्ध हो पाए हैं। वहीं, 185 गांवों का नक्शा जीर्ण हो गए हैं।

बताते चलें कि इसमें सदर तहसील के 386 गांवों में 47 गांव, पीडीडीयू नगर तहसील के 205 गांवों में से 67 गांव, चकिया के 480 गांवों में 13, सकलडीहा के 441 गांवों में से 51 गांव और नौगढ़ के 139 गांवों में से सात गांव शामिल हैं। अभी तक जिले में 1466 गांवों के नक्शों को खतौनी से लिंक किया गया है।

इस संबंध में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के सभी गांवों के नक्शे और खतौनी का डिजिलाइजेशन किया जा रहा है। कुछ गांव बचे हैं, जिनका जल्द सर्वे कराकर प्रक्रिया पूरी की जाएगी।