मलेरिया से निपटने को 30 जून तक चलेगा अभियान, लोगों से सहयोग,सतर्कता व जागरूकता की अपील
चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया से निपटने के लिए हरसम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए एक से 30 जून तक मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है। अभियान के तहत जनमानस में मलेरिया से बचाव एवं रोकथाम को लेकर जागरूकता लाई जा रही है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने दी है।
उन्होंने कहा कि अभियान में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना विभाग का उद्देश्य है। मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो परजीवी रोगाणु (प्लाज्मोडिय) से होती है। मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है। यह रोगाणु व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैल जाते हैं, जिसके कारण मलेरिया होता है। मलेरिया रोग की शीघ्र पहचान करते हुए नजदीकी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुँचाने एवं उपचार उपलब्ध कराने के लिए ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा केन्द्रों का भ्रमण किया जा रहा है।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) राजीव सिंह ने कहा कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) के माध्यम से लोगों की मलेरिया की निःशुल्क जांच एवं ग्रामीण इलाकों में मलेरिया से बचाव के लिए शीघ्र निदान और उपचार की व्यवस्था है। अभियान में अब तक एक भी मलेरिया के मरीज नहीं पाये गए। इस अभियान में ब्लॉक स्तरीय आशा कार्यकर्ताओं एवं एएनएम के सहयोग से जनसमुदाय को जागरूक एवं उनकी भागीदारी द्वारा मच्छर (वेक्टर) के प्रजनन होने वाले स्थानों जैसे -जलपात्रों को खाली कराया जा रहा है। कूलर, पानी के टैंक, गमलें, पशु पक्षियों के पानी पीने के पात्र को सप्ताह में एक बार खाली कर सफाई करना चाहिए। जलभराव वाले स्थानों पर कीटनाशक का छिड़काव व घरों के आसपास साफ-सफाई तथा ‘हर-रविवार मच्छर पर वार’ संदेश को और प्रभावी ढंग से संचालित करने का कार्य किया जा रहा है।
अभियान के तहत सभी सामूहिक स्थलों एवं स्कूल- कॉलेज, ऑफिस में भी मच्छर के प्रजनन वाले स्थानों, जल-जमाव वाले स्थलों को खत्म किया जा रहा है।
डीएमओ ने बताया कि जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण कर लोगों को मलेरिया की निःशुल्क जाँच और विशेषज्ञ व डाक्टरों की देखरेख में इलाज आदि के बारे में जानकारी दे रही है। आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, गृह भ्रमण कर गर्भवती के टीकाकरण के साथ ही मलेरिया की जांच एवं मच्छरदानी लगाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
स्लोगन के माध्यम से प्रचार-प्रसार
हमने ठाना है...मलेरिया मिटाना है
दूर होगी मलेरिया बीमारी.... जब होगी सभी की भागीदारी
जन- जन का यही है नारा.. मलेरिया मुक्त हो गाँव हमारा
पानी ठहरेगा जहाँ.. मच्छर पनपेगा वहाँ
छोटी सी मछली मम्बूजिया है नाम, करती है मच्छरों का काम तमाम
संकल्प है हमारा, पाना है मलेरिया से छुटकारा
जच्चा –बच्चा को मलेरिया से न होगी हानि... यदि गर्भवती बरतेगी सावधानी
मलेरिया के लक्षण -
तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात रोगी का शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं।
मलेरिया से बचाव
मलेरिया के बचाव के लिए अपने आसपास व घरों में साफ-सफाई रखें, कूलर के पानी की सप्ताह में एक बार सफाई जरूर करें, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, घर में मौजूद पुराने बर्तनों, टायरों एवं खाली गमला, नारियल के खोल आदि में पानी जमा न रहने देना, मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें । किसी को बुखार आने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं डॉक्टर की सलाह पर दवा लें।